scriptमिलिये, ये हैं 87 वर्षीय शूटर दादी के चाचा, 106 साल की उम्र में भी रोजाना करते हैं दो घंटे व्यायाम | Shooter dadi's uncle exercises two hours daily even at the age of 106 | Patrika News

मिलिये, ये हैं 87 वर्षीय शूटर दादी के चाचा, 106 साल की उम्र में भी रोजाना करते हैं दो घंटे व्यायाम

locationबागपतPublished: Feb 06, 2020 12:55:42 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights- शूटर दादी चंद्रो तोमर ने 106 वर्षीय चाचा बलराम सिंह से की मुलाकात- बोले- चंद्रो मेरी सबसे प्यारी भतीजी, जिसे मैं बहुत प्यार करता हूं- बलराम सिंह ने ब्रिटिश सेना में रहते हुए लड़ा था द्वितीय विश्व युद्ध

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बागपत. शूटर दादी चंद्रो तोमर (shooter dadi Chandro Tomar) ने द्वितीय विश्वयुद्ध (World War 2) के योद्धा अपने चाचा का हाल जानने मेरठ (Meerut) पहुंची। बता दें कि शूटर दादी के चाचा बलराम सिंह 106 वर्ष के हैं। उन्होंने ब्रिटिश सेना (British Army) में रहते हुए द्वितीय विश्व युद्ध लड़ा था। मुलाकात के दौरान उम्र के आखिरी पड़ाव की ओर बढ़ रहे बलराम सिंह (Balram Singh) ने अपनी भतीजी शूटर चंद्रो तोमर से अपने जीवन के यादगार क्षणों को साझा किया। बता दें कि 106 वर्षीय बलराम सिंह की उम्र ढलती जा रही है, लेकिन आज भी उनको देखकर नहीं लगता कि वह अपने जीवन का एक दशक पूरा कर चुके हैं।
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इस मौके पर ‘पत्रिका’ बातचीत में बलराम सिंह ने बताया कि वह अपना शरीर फिट रखने के लिए रोजाना व्यायाम करते हैं। इसके साथ ही वह ध्यान भी लगाते हैं। वह प्रतिदिन अपना डेढ़ से 2 घंटे का समय स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम में लगाते हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रो मेरी सबसे प्यारी भतीजी है, जिसे मैं बहुत प्यार करता हूं और उसको भी मुझसे उतना ही लगाव है।
वहीं, चंद्रो तोमर ने बताया कि 60 वर्ष पहले उनके चाचा बलराम सिंह मेरठ आकर बस गए थे। वह अपने चाचा से मिलने के लिए अकसर मेरठ जाया करती थी, लेकिन जिम्मेदारी बढ़ने के बाद उनका आना-जाना थोड़ा कम हो गया, लेकिन आज भी वह अपने चाचा को बहुत प्यार करती हैं। जैसे ही उनकी तबीयत का उन्हें पता चला वे उनसे मिलने के लिए मेरठ पहुंच गई।
चंद्रो तोमर के बेटे सुमित तोमर बताते हैं कि मां के चाचा द्वितीय विश्व युद्ध के गवाह रहे हैं। जब वह द्वितीय विश्व युद्ध की घटनाओं के बार में बताते हैं तो परिवार के सभी लोग बड़े ध्यान से उनकी युद्ध नीतियों और युद्ध के परिणामों के बारे में सुनते हैं।
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