
दरगाह
Dargah Fair: बहराइच जिले में सैयद सालार मसूद गाजी की कब्र पर लगने वाले जेठ मेल पर प्रशासन की रोक के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर प्रशासन के आदेशों को चुनौती दी गई है। बता दे की यह मेला 15 मई से 15 जून तक पूरे एक माह लगता है। लाखों की संख्या में लोग आते हैं।
Dargah Fair: हजरत सैयद सालार मसूद गाजी (रहमतुल्ला अलैह)' के श्रद्धालुओं द्वारा पेश की गई जनहित याचिका में दावा किया गया है कि मेला मूल रूप से 15 मई से 15 जून तक आयोजित होता था। जो अंतरधार्मिक सद्भाव का एक अनूठा प्रतीक है। जिसमें 60 प्रतिशत से अधिक आगंतुक हिन्दू होते है। अधिवक्ता अकरम आजाद और सैयद फारूक अहमद के माध्यम से दाखिल उक्त जनहित याचिका में कहां गया है कि नगर मजिस्ट्रेट द्वारा जेठ मेले की अनुमति देने से इनकार करने का निर्णय मनमाना और अन्यायपूर्ण है। याचिका में आगे कहा गया है, कि मेले को अचानक रद्द करने से संविधान के अनुच्छेद 25 और 29 के तहत प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार बाधित होते हैं। जिससे भक्तों की भावनाओं और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को अपूरणीय क्षति पहुंच सकती है।
कोर्ट में दायर याचिका में कहां गया कि दरगाह मेले को पहलगाम हमले, संभल हिंसा जैसी घटनाओं से जोड़ने या बहराइच में सार्वजनिक सुरक्षा के लिए सीधे खतरे का कारण बताकर उसे रद्द करना वास्तविक सुरक्षा चिंताओं के बजाय राजनीतिक उद्देश्यों से प्रभावित लगता है। इसके साथ ही
दरगाह मेले को स्थगित करना सांप्रदायिक सद्भाव की परंपरा और समग्र संस्कृति की जड़ों को कमजोर करता है।
याचिका में नगर द्वारा पारित आदेश को रद्द करने तथा बहराइच के जिला प्रशासन और सरकार को यह निर्देश देने की प्रार्थना की गई है। कि वे सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय पुलिस तैनाती सहित पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ जेठ मेला 2025 के संचालन की अनुमति दें। इसके साथ ही 12 पृष्ठों की एलआईयू रिपोर्ट का खुलासा करने का निर्देश देने की मांग भी की गई है। साथ ही धार्मिक और सांस्कृतिक मेलों की अनुमति संबंधी प्रशासनिक निर्णय के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को पारदर्शी दिशा निर्देश तैयार करने तथा याचिका के निपटारा तक मेले की अनुमति दिए जाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
Published on:
07 May 2025 08:41 am
बड़ी खबरें
View Allबहराइच
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
