
सांकेतिक फोटो जेनरेट AI
बहराइच जिले के ग्रामीण इलाकों में भेड़िये का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले पांच दिनों के भीतर यह तीसरा मामला है। जब एक मासूम बच्ची भेड़िये का शिकार बन गई। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत और मातम का माहौल है।
बुधवार दोपहर ग्राम पंचायत मंझारा तौकली के बाबा बंगला गांव में दो वर्षीय सोनी आंगन में खेल रही थी। तभी अचानक आए भेड़िये ने उसे जबड़े में दबोच लिया और गन्ने के खेत की ओर भाग निकला। बच्ची की चीख सुनकर पिता कुल्हाड़ी लेकर दौड़े और मां भी पीछे भागीं, लेकिन भेड़िया खेतों में ओझल हो गया। करीब डेढ़ घंटे की तलाश के बाद बच्ची घर से लगभग 400 मीटर दूर क्षत-विक्षत हालत में मिली। परिजन उसे फखरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही डीएफओ राम सिंह यादव गांव पहुंचे। गुस्साए ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और जमकर विरोध किया। ग्रामीणों का आरोप था कि वन विभाग ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसकी वजह से मासूमों की जान जा रही है। हालांकि स्थानीय लोगों के समझाने पर स्थिति काबू में आई और डीएफओ वहां से निकल सके।
20 सितंबर को भी भेड़िये ने एक बच्चे को उठा लिया था। 23 सितंबर को ग्रामीणों की तत्परता से एक मासूम को बचाया गया, लेकिन 24 सितंबर को फिर हमला हुआ। अब पांच दिन के भीतर तीसरी घटना ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डीएफओ का कहना है कि भेड़िये की संख्या दो या अधिक हो सकती है। गन्ने के खेतों व नदी के किनारे के कारण उसे पकड़ना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। विभाग ने ड्रोन की मदद और जाल बिछाकर कार्रवाई तेज की है।
पिछले पंद्रह दिनों में तीन बच्चों की मौत और 17 लोग घायल हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब बच्चों को आंगन में भी छोड़ना मुश्किल हो गया है। सोशल मीडिया पर भी लोग प्रशासन और वन विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जता रहे हैं।
एसडीएम कैसरगंज अखिलेश कुमार सिंह ने मृत बच्ची के परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने ग्रामीणों से सतर्क रहने और धैर्य बनाए रखने की अपील की।
Published on:
25 Sept 2025 06:58 pm
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