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उम्र के अंतिम पड़ाव में भी गुजर बसर को लेकर संघर्ष कर रही बुजुर्ग महिला

आदिवासी बुजुर्ग महिला को नहीं मिल रहा शासकीय योजना का लाभ रहने एवं खाने पीने के लिए मोहताज आदिवासी महिला लामता के चरेगांव का मामला पंचायत एवं प्रशासनिक अधिकारी कर रहे अनदेखा

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आदिवासी बुजुर्ग महिला को नहीं मिल रहा शासकीय योजना का लाभ

आदिवासी बुजुर्ग महिला को नहीं मिल रहा शासकीय योजना का लाभ

जिले के प्रशासनिक अधिकारी आदिवासी परिवारों को पेंशन, आवास सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के आंकड़े जारी कर स्वयं की पीठ थपथपाते थक नहीं रहे हैं। लेकिन जमींनी हकीकत अब भी इसके उलट सामने आ रही है। शहर के समीपस्थ में ही कई पात्र आदिवासी ऐसे हैं, जो कि आवास, पेंशन तो दूर दो वक्त की रोटी और गुजर बसर करने कड़ा संघर्ष करने मजबूर है।

ताजा मामला लामता तहसील के चरेगांव में देखने को मिल रहा है। यहां की बुजुर्ग आदिवासी महिला तारा बाई उइके पिछले करीब 50 वर्षो से मेहनत मजदूरी कर झोपड़े में निवास कर रही है। इसके बावजूद इस वृद्ध महिला को सरकार से आदिवासियों को हितार्थ संचालित किसी भी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। उम्र के अंतिम पड़ाव की उम्र जिसमें शासन भी सेवानिवृत्त कर देती है, इस उम्र में महिला अपने कंपकंपाते हाथों से जीवन का कड़ा संघर्ष करने मजबूर है। तारा बाई को ना विधवा पेंशन मिल रही है, ना ही वृद्ध पेंशन शुरू हो पाई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान अब भी सपना बना हुआ है। मजबूरन हाड़ कंपाती ठंड के बीच बुजुर्ग महिला अपनी वीरान झोपड़ी में दिन काट रही है। एक प्रशासनिक या पंचायत का जिम्मेदार सुध लेने नहीं पहुंच पाया है।

घिसट-घिसट कर काट रही जीवन

चरेगांव के ग्रामीणों ने बताया कि तारा बाई लगभग 65 वर्ष की हैं, जो लकवा बीमारी से ग्रसित हो चुकी है। वह चल फिर भी नहीं सकती है। इस कारण किसी तरह घिसट-घिसट कर घर के अंदर बाहर हुआ करती है। खाना भी अपने हाथों से नहीं खा पाती है। उसका पुत्र जो रोज मेहनत मजदूरी करने चला जाता है। इसके बाद उसी अवस्था में बुजुर्ग महिला ठिठुरन के बीच कर्राहते हुए खाने पीने के लिए आवाज देते रहती है। किसी ने सुनकर दया कर दिया तो भोजन परोसकर दे देता है, नहीं तो पुत्र के आने तक महिला उसी हाल में पड़े रहती है। बुजुर्ग महिला की इस तरह की दुर्गति देखकर गांव वालों का दिल तो पसीजता है, लेकिन आदिवासियों के उत्थान का ढिंढोरा पीटने वाले व योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र तक पहुंचाने का दंभ भरने वाले किसी ने भी अब तक कोई सुध नहीं ली है।

वर्सन
वर्ष 2011 की सर्वें सूची में तारा बाई का नाम पीएम आवास सूची में नहीं था। उसका नाम जोड़ा गया है। जैसे उसका नाम सूची में आएगा, उनको पीएम आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। शेष योजनाओं के लाभ को लेकर भी मदद की जाएगी।
मीना बिसेन, सरपंच चरेगांव