
पुराने ढर्रे पर बस स्टैंड की व्यवस्था
बालाघाट. शहर के बस स्टैंड की व्यवस्था पुराने ढर्रे पर हो चली है। स्टैंड में बसें अस्त-व्यस्त खड़ी रहती है, इससे यात्रियों सहित दुकानदारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बस संचालकों द्वारा अपने निर्धारित समय से घंटों पहले ही बसें खड़ी कर देते हंै। इससे यात्रियों में भी बसों के छूटने के समय को लेकर संशय बना रहता है। स्टैंड के अंदर ही फल व आइस्क्रीम सहित अन्य ठेले लगे होने से बसों की आवा-जाही के समय ठेला इधर-उधर हटाने में यात्रियों को परेशानी होती है।
गौरतलब हो कि पूर्व कलेक्टर व एसपी द्वारा बस स्टैंड की व्यवस्था में सुधार किया था और काफी समय से चली आ रही बस संचालकों की मनमानी पर अंकुश लगाया था। जिससे बस मालिकों में हड़कम्प मचा हुआ था। लेकिन उनके जाने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने से फिर से स्टैंड की व्यवस्था बेपटरी हो गई है।
कहीं भी रोक दी जाती बसें
बस स्टैंड से बस छूटने के बाद चालकों द्वारा सवारी लेने के लिए कहीं भी बसें रोक दी जाती है। शहर के अंदर ही स्टैंड से सौ मीटर दूरी पर कालीपुतली चौक, जयस्तंभ चौक सहित जगह-जगह बस खड़ी कर सवारी भरी जाती है। लेकिन इस ओर यातायात विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
एंजेट लगा रहे आवाज
बस स्टैंड में बस एजेन्टों द्वारा सवारी को आवाज लगा-लगा कर बुलाया जाता है। जबकि पूर्व में एजेन्ट के आवाज लगा सवारी भरने पर रोक लगा दी गई थी। कुछ एजेन्ट के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी, लेकिन वर्तमान में दो दर्जन से अधिक एजेन्टों द्वारा स्टैंड में आवाज लगा सवारी भरने का कार्य किया जाता है।
ड्रेस कोड का नहीं पालन
बस चालक व परिचालकों के लिए बस पर सफर करते समय प्रशासन द्वारा ड्रेस कोड लागू किया गया था। लेकिन इस निर्देश का पालन भी यहां नहीं हो रहा है और बस चालक कोई भी ड्रेस पहनकर बस चला रहे हंै। इससे चालक परिचालक कौन है पता नहीं चल पाता है।
वर्सन
हमारे द्वारा पूर्व में भी बस संचालकों को समझाईश दी गई है। इसके बाद भी यदि वे व्यवस्था में सुधार नहीं ला रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
स्नेहा चंदेलन, यातायात थाना प्रभारी
Updated on:
15 May 2019 08:06 pm
Published on:
15 May 2019 07:44 pm
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