
ग्वालियर, भिंड के लोगों ने आरक्षित जाति प्रमाण पत्र बनाने किया आवेदन
जिले के लांजी अनुविभागीय क्षेत्र से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का मामला सामने आया है। हालांकि प्रमाण पत्र बनने से पहले ही फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया है। एसडीएम और अधिनस्थ अमले की जांच में पांच लोगों के फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनाने एक वकील के माध्यम से आवेदन करने की बात सामने आई है। एसडीएम कमलचंद सिहसार के अनुसार करीब पांच आवेदन ऐसे लोगों सामने के आए हैं, जो कि स्थानीय निवासी न होकर ग्वालियर और भिंड जिले से ताल्लुक रखते हैं। मामला सामने आने के बाद वकील स्वयं का बचाव करते हुए बता रहे हंै कि मैने केवल आवेदन किया है, फर्जी दस्तावेज मैंने नहीं बनवाए। एसडीएम ने जाति प्रमााण पत्र बनाए जाने पर रोक लगाकर, इसकी जांच शुरू कर दी है। जल्द ही इस मामले में अब अपराध दर्ज होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
जानकारी के अनुसार अनुविभागीय कार्यालय लांजी में ग्राम पंचायत भानेगांव से 4 आवेदन क्रमश: मनीष पिता बच्चू सिंह गोंड, राहुल सिंह पिता नरोत्तम सिंह, योगेश पाल पिता प्रमोद पाल, अभिषेक पिता विक्रम तथा एक आवेदन ग्राम पंचायत घोटी नंदोरा से आवेदक मोनू सिंह पिता विरेन्द्र सिंह का जाति प्रमाण पत्र बनाने आवेदन किया गया है। सभी आवेदनों में स्वयं को एससी व एसटी बताते हुए प्रमाण पत्र जारी किए जाने आवेदन किया गया है। जांच में सभी आवेदक बाहर जिलों के पाए गए हैं।
जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदकों ने वकील के माध्यम से आवेदन पेश किया था। संदेह होने पर एसडीएम ने जांच करवाई। इस दौरान जाति प्रमाण पत्र आवेदन के साथ जो दस्तावेज आधार कार्ड, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की अंकसूची, मूल निवासी प्रमाण पत्र, समग्र आईडी पोर्टल, पटवारी का पंचनामा, सरपंच से जारी अनुसूचित जनजाति प्रमाण, भूमि खसरा, पटवारी की सील साइन के लगाए गए सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं।
बताया गया कि 15 से 23 अगस्त के मध्य यह आवेदन किए गए हैं। आवेदकों ने स्वयं को लांजी क्षेत्र के भानेगांव और घोटी नंदोरा के निवासी होना बताया है। जबकि इन गांव में आरक्षित जाति के लोग निवासरत ही नहीं है। संदेह होने पर मामले की जांच की गई। जांच में पता चला कि आवेदन कर्ताओं ने सभी दस्तावेज फर्जी बनाए हंै। यहां तक की पटवारी, आरआई, सरपंच की भी नकली सील साइन, रबर स्टैम्प बनाकर स्वयं ही हस्ताक्षर किए गए हंै। जिसकी पुष्टि इन ग्रामों के सरपंच एवं सचिव ने की। भानेगांव सरपंच राम ठाकरें और घोटी सरपंच श्रीचंद कामड़े ने साफ मना किया कि उक्त नाम के कोई परिवार ग्राम में नहीं रहते और हमारे द्वारा यह सील साइन हस्ताक्षर भी नहीं किए हंै।
एसडीएम कमलचंद सिंहसार के अनुसार ग्राम पंचायत भानेगांव और घोटी के निवासी होना बताकर जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदकों का आवेदन लोक सेवा केन्द्र से मिला था। जिनके दस्तावेज प्रथम दृष्टया संदेहास्पद होने पर ग्राम पंचायत से जानकारी ली गई, तो पता लगा की यह लोग यहां निवास नहीं करते हंै। अब आवेदकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इस मामले में लोक सेवा केन्द्र भी संदेह के घेरे हंै, क्योंकि उन्हें भी पूरे दस्तावेजों की जांच करनी होती है। समग्र आईडी के माध्यम से जो नाम आए हंै। उस आधार पर यह लोग ग्वालियर, भिंड क्षेत्र के होने जानकारी मिली है। जांच जारी है, जो भी सामने आएगा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
वर्सन
फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाए जाने का मामला बहुत ही संगीन है। संभावना है कि ऐसा कोई गिरोह कार्य कर रहा है, साथ ही यह भी जांच होनी चाहिए कि इस तरह के मामले जिले में और कही तो नहीं है।
कमलचंद सिंहसार, एसडीएमए लांजी
Published on:
05 Sept 2025 12:10 pm
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