इस संबंध में
बालाघाट जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ज्योति बघेल का कहना है कि हाल ही में हुई असमय बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसलें खराब हुई हैं। ऐसे में किसानों को राहत देने के उद्देश्य सेएफएक्यू के अनुसार निर्धारित सीमा प्रतिशत बढ़ाया गया है। पहले किसानों से 30 फीसदी खराब गेहूं खरीदा जा रहा था, जिसे शिथिलता देते हुए अब 50 फीसदी किया गया है। इसके अलावा टूटे हुए गेहूं के दाने की सीमा 6 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसद, थोड़ा टूटा हुआ दाना के 4 फीसद से बढ़ाकर 6 फीसदी किया गया है।
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आपको बता दें कि किसानों से 2275 और राज्य बोनस 125 कुल 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों से गेहूं की खरीदी की जा रही है। तय मापदंड से भी खराब गेहूं ला रहे किसान समर्थन मूल्य पर खरीदी की अब तक की समयावधि में बालाघाट जिले में सिर्फ 25 किसानों से 473 क्विंटल गेहूं का उपार्जन हो सका है।
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खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा इतनी छूट देने के बाद भी किसानों द्वारा खराब गुणवत्ता का गेहूं केंद्रों में लाया जा रहा है जो स्वीकार योग्य नहीं है। लस्टर लास गेहूं की खरीदी में 50 फीसदी की छूट बड़ी राहत है, लेकिन किसान इससे भी खराब गुणवत्ता के गेहूं को खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं। 50 फीसदी से अधिक खराब गेहूं को नहीं खरीदा जाएगा। गौरतलब है कि, बालाघाट जिले में इस साल रबी सीजन में 65 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगाई गई है।