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अपराध छुपाने से बढ़ता है अपराधियों का हौसला

महिलाएं अपराध छुपाए नहीं, पहली बार ही करें शिकायत - नगर पुलिस अधीक्षक की 'पत्रिकाÓ से विशेष बातचीत पत्रिका रक्षा कवच - 'अपराधों के विरुद्ध महिला सुरक्षा अभियानÓ -

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महिलाएं अपराध छुपाए नहीं, पहली बार ही करें शिकायत - नगर पुलिस अधीक्षक की 'पत्रिकाÓ से विशेष बातचीत पत्रिका रक्षा कवच - 'अपराधों के विरुद्ध महिला सुरक्षा अभियानÓ -

महिलाएं अपराध छुपाए नहीं, पहली बार ही करें शिकायत - नगर पुलिस अधीक्षक की 'पत्रिकाÓ से विशेष बातचीत पत्रिका रक्षा कवच - 'अपराधों के विरुद्ध महिला सुरक्षा अभियानÓ -

बालाघाट. महिला सुरक्षा को लेकर महिलाओं को जागरूक होना होगा। यौन शोषण, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ आदि अपराध पर महिला पुलिस से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराएं। पहली बार अपराध होने पर ही विरोध करें। दुबारा अपराध होने का इंतजार न करें। यदि किसी मामले में महिला को आशंका है कि उसके साथ अपराध हो सकता है तब भी वे शिकायत करें। यह बात नगर पुलिस अधीक्षक वैशाली सिंह ने कही। 'पत्रिकाÓ ने रविवार को 'अपराधों के विरुद्ध महिला सुरक्षा अभियानÓ के तहत उनसे विशेष बातचीत की।

उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिकायत पुलिस प्राथमिकता के आधार पर सुनती है। उनकी शिकायत पर विशेष सुनवाई होती है। महिलाएं पुलिस कंट्रोल रूम, महिला थाना, नजदीकी थाना, महिला हेल्पलाइन नंबर पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। महिलाएं जिले के किसी भी पुलिस अधिकारी से मिलकर अपनी बात बता सकती है। यदि कोई महिला एफआईआर दर्ज कराना नहीं चाहती है तब भी पुलिस उनकी शिकायत पर मदद करती है। कहा कि अपराध छुपाने से अपराधियों के हौसले बढ़ते हैं। अपराध पुराना होने से पुलिस को कार्रवाई करने में मुश्किल होती है। इसलिए अपराध बढऩे न दें।

छोटी बच्चियों से शिक्षक करता था अपराध

करीब पांच साल पूर्व जब मेरी तैनाती शाजापुर जिले में थी तो एक स्कूल की चार छोटी बच्चियों के साथ शिक्षक ने एक घटना (अपराध) कारित किया था। इस घटना को एक बच्ची ने अपनी दादी को बताया। उसकी दादी ने दूसरे बच्चियों की मम्मियों को बताया तब बात सामने आई। आरोपी शिक्षक पर मामला दर्ज हुआ। इस मामले में आरोपी शिक्षक को न्यायालय से सजा हो गई है। यदि बच्ची यह बात छुपा लेती तो उनको न्याय नहीं मिल पाता।

महिलाएं न करें निजी जानकारी शेयर

नगर पुलिस अधीक्षक की माने तो साइबर अपराधियों की विशेष नजर महिलाओं पर रहती है। इन दिनों साइबर अपराध के मामले बढ़े हैं। ऐसे में महिलाओं को निजी जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए। साइबर अपराध से बचने डिजिटल एकाउंट की प्रायवेसी पर महिलाओं को विशेष ध्यान देना चाहिए। अपना पासवर्ड किसी से शेयर न करें। किसी अजनबी से बात न करें। अपना बर्थ-डे व परिवार की जानकारी किसी का न बताए। निजी जानकारी पूरी तरह से गोपनीय व सुरक्षित रखे।

न नंबर पर करें संपर्क डायल - 100 महिला हेल्पलाइन नंबर - 1091 पुलिस कंट्रोल रूम - 07632-241800, महिला थाना - 7049114972

पत्रिका के सवाल पर नगर पुलिस अधीक्षक के जवाब

सवाल - महिला अपराधों पर कैसे अंकुश लगेगा? जवाब - महिलाओं को जागरूक होना होगा। पहली बार अपराध होने पर ही शिकायत करनी होगी। दुबारा अपराध होने का इंतजार नहीं करना होगा।


सवाल - यदि कोई महिला एफआईआर नहीं कराना चाहती है तब क्या पुलिस उसकी मदद करेगी? जवाब - हां, यदि महिला एफआईआर नहीं कराना चाहती है और पुलिस से शिकायत करती है तब भी पुलिस उसकी मदद करेगी।

सवाल - अपराध होने पर महिलाओं को क्या करना चाहिए? जवाब - बिना डरे और देर किए पुलिस कंट्रोल रूम, 100-डायल, महिला हेल्पलाइन नंबर, नजदीकी थाना या किसी भी पुलिस अधिकारी से मिलकर शिकायत करनी चाहिए ताकि तत्काल कार्रवाई शुरू हो सकें। यदि यह भी न कर सकें तो परिवार के किसी सदस्य को बताए।

सवाल - कई पीडि़त महिलाएं बात के सार्वजनिक होने से डरती है। इसलिए शिकायत करने से बचती है। इसको लेकर पुलिस क्या करती है? जवाब - महिला अपराध को पूरी गंभीरता से हैंडल किया जाता है। महिलाओं के पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जाता। पीडि़ता का बयान और मामले को टै्रक करने में जितना जरूरी होता है उतना ही उससे सहयोग लिया जाता है।

सवाल - महिलाएं अपराध छुपाती है। क्या इसके पीछे जागरूकता का अभाव है? जवाब - हां, जागरूकता एक कारण है। सबसे अधिक स्कूल-कॉलेज में पढऩे वाली बालिकाएं अपराध होने पर नहीं बताती है। पुलिस उनको जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चला रही है। 'पत्रिकाÓ भी इस क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही है।