
नैतिक मूल्यों की उपयोगिता, तनाव, समय प्रबंधन की दी जानकारी
बालाघाट. प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू (राजस्थान) की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग द्वारा मेरा भारत-स्वर्णिम भारत अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत शांति का संदेश देने के लिए एक पीस मैसेंजर बस 15 सदस्यों के साथ भारत का भम्रण कर रही है, जो 12 फरवरी को कटंगी पहुंची। सेवा केन्द्र कटंगी की ब्रह्मा कुमारी उषा बहन ने आंगतुक अतिथियों का खजरी रोड पर सत्कार किया। इस दल में प्रतिमा बहन आयोध्या, सुषमा बहन अकोला, श्वेता बहन रायपुर, प्रियंका बहन कानपुर, सुरेन्द्र भाई दिल्ली, राजेन्द्र भाई गोधरा, विकास भाई राजस्थान, राजपाल भाई इंदौर, आदर्श भाई सतना, कैप्टन आंनद शुक्ला दिल्ली, रेनर बर्थ जर्मनी, गजराज भाई दिल्ली, बृजमोहन भाई देवास, सचिन भाई उज्जैन, प्रतिक भाई कोटा से मेरा भारत स्वर्णिम भारत का संदेश देने के लिए यात्रा कर रहे है।
कटंगी सेवा केन्द्र के माध्यम से इस दल ने शासकीय महाविद्यालय, जनपद पंचायत, नगर परिषद, कोंचिग संस्थान एवं सावरी, महदुली में संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को स्वच्छता, नशामुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, सकारात्मकता एवं राजयोग द्वारा आध्यात्मिक मूल्य एवं चरित्र निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया गया। एक ही समय पर अलग-अलग स्थानों में आयोजित होने वाली संगोष्ठी में युवाओं को जीवन में नैतिक मूल्यों की उपयोगिता, तनाव प्रबंधन, समय प्रबंधन, संकल्प शक्ति के चमत्कार, सफलता की चाबी, चुनौती पूर्ण परिस्थितियों का प्रबंधन सहित अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। ब्रह्म कुमार सुरेन्द्र भाई ने जनपद पंचायत में आयोजित संगोष्ठी में कहा सशक्त युवा ही श्रेष्ठ समाज का और स्वर्णिम भारत का सपना साकार कर सकता है। हम जब मजबूत होंगे तभी देेश मजबूत होगा। अभी समयानुसार आवश्यकता है एक साधारण युवा से नैतिक मूल्यों से सुसज्जित सशक्त युवा के रूप में स्वयं को स्थापित करने की और जीवन में आध्यात्मिक मूल्यों के माध्यम से स्वयं को व विश्व को एक नई दिशा देने की। ब्रह्मा भाई रेनर बर्थ जर्मनी ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए राजयोग मैडिटेशन की जीवन में उपयोगिता एवं उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया। अभियान में आए अन्य ब्रह्मा भाई-बहनों ने भी राजयोग द्वारा किस तरह से आध्यात्मिक मूल्यों को जीवन में धारण कर अपने श्रेष्ठ चरित्र का निर्माण कर सकते हैं तथा आंतरिक शक्ति और मनोबल को बढ़ा कर तनाव मुक्त जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इसके साथ ही नशा मुक्त रहने और स्वच्छ और स्वस्थ भारत बनाने के लिए अपना योगदान देने लिए के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया। संगोष्ठी के अंत में सभी को राजयोग मैडिटेशन का अभ्यास भी करवाया गया।
Published on:
13 Feb 2020 06:04 pm
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