
फाइल फोटो
mp news: मध्यप्रदेश के बालाघाट में एक दुष्कर्म पीड़िता टीचर के ट्रांसफर का मामला सामने आया है। पीड़िता टीचर को बालाघाट से छिंदवाड़ा जिले में ट्रांसफर किया गया है। पीड़ित टीचर का आरोप है कि उनका ट्रांसफर साजिश के तहत किया गया है क्योंकि उन्होंने न तो ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और न ही उनके खिलाफ कोई शिकायत की गई है। शिक्षिका के मुताबिक ट्रांसफर उन्हें परेशान करने के लिए किया गया है।
जिस महिला टीचर का ट्रांसफर हुआ है उसने 17 नवंबर 2024 को भूपेंद्र सोहागपुरे जो कि भाजयुमो का पूर्व जिलाध्यक्ष है के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। तब महिला टीचर ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उसके भूपेन्द्र से 12 साल से प्रेम संबंध थे लेकिन भूपेन्द्र ने उन्हें धोखा देकर चुपचाप दूसरी जगह शादी कर ली। जब उसने इसका विरोध किया तो भूपेन्द्र ने उससे किनारा कर लिया और बातचीत करना बंद कर दी। पीड़िता की शिकायत पर तब पुलिस ने भूपेन्द्र सोहागपुरे के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था।
पीड़िता शिक्षिका के मुताबिक अब 7 महीने बाद उसका ट्रांसफर बालाघाट से छिंदवाड़ा जिले में कर दिया गया है। उसे अपने ट्रांसफर का पता 11 जून को उस वक्त चला जब अन्य शिक्षकों ने ट्रांसफर की लिस्ट देखी तो पहला नाम उसी का था। जबकि उसने न तो ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया था और न ही उसके खिलाफ कोई शिकायत की गई थी। पीड़िता का आरोप है कि ट्रांसफर साजिश के तहत उसे मानसिक रूप से परेशान करने के लिए किया गया है। वहीं डीपीसी कार्यालय बालाघाट के अनुसार वर्ग दो के स्थानांतरण का अधिकार डीपीसी के पास नहीं रहता है। यह स्थानांतरण कमिश्नर के यहां से होता है। उक्त शिक्षिका का स्थानांतरण ऊपर से ही हुआ है। जिले में स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने के पूर्व ही उनका स्थानांतरण हो चुका था। प्रायः प्रशासनिक स्थानांतरण किसी की शिकायत पर होता है।
Published on:
27 Jun 2025 06:59 pm
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