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न वाइब्रेटर चला रहे न सरिया सही अंतर पर बांधी गई

मामला मंडी प्रांगण में हो रहे सीमेंट सडक़ और नाली निर्माण कार्य का

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मामला मंडी प्रांगण में हो रहे सीमेंट सडक़ और नाली निर्माण कार्य का

मामला मंडी प्रांगण में हो रहे सीमेंट सडक़ और नाली निर्माण कार्य का

शासकीय निर्माण कार्यों में अनियमितता आम बात हो गई है। सब इंजीनियर और इंजीनियर द्वारा समय पर मॉनिटरिंग नहीं करने के कारण निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की कमी साफ रूप से देखी जा सकती है। परिणाम यह होता है कि ठेकेदार और उनके कर्मचारी अपनी मर्जी से ही काम करने लग जाते हंै। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और उसके डिजाइन में अंतर आ जाता है।

ताजा मामला खैरलांजी मंडी प्रांगण में 52.85 लाख की लागत से किए जा रहे सीमेंट सडक़ और नाली का निर्माण कार्य का सामने आया है। स्थानीय जागरूक ग्रामीण मकसूद अली के अनुसार कुछ लंबाई की सडक़ एक डेढ़ माह पहले ही बन चुकी है, कुछ का काम जारी है। वर्तमान में यहां ठेकेदार द्वारा जो सडक़ और नाली निर्माण का कार्य किया जा रहा है, उसमें वाइब्रेटर का उपयोग बिल्कुल भी नहीं किया जा रहा। इन दोनों कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हंै। नाली निर्माण कार्य में समान दूरी पर सरिया नहीं बांधी जा रही है। कहीं बहुत पास तो कहीं बहुत दूरी पर सरिया बांधी जा रही है। भविष्य में यह नाली मजबूत नहीं बनने के कारण कभी भी क्षतिग्रस्त और धसकने के आसार बन रहे हैं। वाइब्रेटर नहीं चलने से नाली की दीवार कहीं कहीं पर खोखली भी हो चुकी है। जिम्मेदारों को गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।

सडक़ पर हो रहा पानी एकत्र

खान ने बताा कि इसके पहले भी एक से ढेड़ माह पहले जो सडक़ मेन गेट के सामने और मंडी टीन शेड के साइड में बनाई गई है, वर्तमान में बारिश का पानी एकत्र हो रहा है। पानी भरा रहने से सडक़ कमजोर हो रही है, धान के भारी वाहनों के गुजरने से सडक़ के क्षतिग्रस्त होने की बातें कही जा रही है। खामियाजा किसान और मंडी समिति दोनों को भुगतना पड़ सकता है।

मापदंडों का नहीं ध्यान

मकसूद अली खान ने बताया कि नली में जो लोहे की सरिया बांधी गई है, उसकी दूरी एक समान होना चाहिए, लेकिन दूरी अलग-अलग है। सडक़ और नाली निर्माण दोनों कार्यों में वाइब्रेटर का उपयोग नहीं किया जा रहा, जो गलत है। इससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में असर पड़ेगा। सरिया कहीं पर एक फिट, कहीं पर डेढ़ फिट की दूरी पर बांधी गई है। इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों को की जा रही है।

वर्सन
नाली निर्माण और सडक़ निर्माण में वाइब्रेटर का उपयोग करना चाहिए। सरिया भी समान अनुपात में बांधी जानी चाहिए। यदि कुछ गलत हुआ है, तो सुधार किया जा सकता है।
राजकुमार अनुरागी, सब इंजीनियर


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