
कहीं जलाया पुतला तो कहीं मिट्टी का तैयार किया नारबोद
बालाघाट. पोला पाटन के दूसरे दिन शहर सहित ग्रामीण अंचलों में मारबत (नारबोद) पर्व की धूम रही। पंरपरा अनुसार छोटे बच्चे घर-घर जाकर नारबोद लगाकर अपना ईनाम लेते देखे गए। बच्चों में काफी उत्साह देखा गया। बड़े बुजुर्ग भी नारबोद पर्व पर मौसमी बीमारी सर्दी, खांसी, जुकाम, डायरिया को ले जाए री नारबोद, घेऊन जा री नारबोद के नारे लगाए। एक दूसरे को तिलक लगाकर, गले मिलकर इस त्यौहार की बधाई दी।
मारबत का जलाया पुतला
मारबत पर्व पर प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी वार्ड नंबर ११ बूढ़ी से ढोल नगाड़ों के साथ मारबत का पुतला बनाकर जुलूस निकाला गया। घेऊन जा रही नारबोद के नारों के साथ वार्ड के प्रमुख मार्ग का भ्रमण करते हुए पुतला को शहर की सीमा से बाहर जलाया गया।
पठार क्षेत्र में भी रही धूम
पोला पर्व के दूसरे दिन नारबोद का पर्व मंगलवार को मनाया गया। इस दिन सुबह से प्राचीन परंपरानुसार घेऊन जा री नारबोद... से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। नगर में जगह-जगह नारबोद के पुतले बनाए गए। जिन्हें नगर में भम्रण कराने के बाद शमशान में दहन किया गया। इसके अलावा घर-घर से मिट्टी की नारबोद बनाकर विसर्जन किया गया। बुर्जुगों का मानना है कि बारिश के समय मौसम में मौसमी बीमारियों और महामारियों का डेरा जम जाता है। इन बीमारियों को खदेडऩे के लिए एक पुतला बनाकर गांव के बाहर ले जाकर जलाया जाता है। नारबोद खदेडऩे के बाद लोगों ने एक दूसरे के घर जाकर नारबोद की पत्ती भेंट कर बधाई दी।
अखाड़ों का हुआ आयोजन
नारबोद का पर्व होली के त्यौहार के जैसा ही होता है बस इसमें रंग-गुलाल नहीं खेला जाता है। नारबोद के दिन गांवों में अखाड़ों का आयोजन किया जाता है। क्षेत्र के ग्राम सीताखोह में अखाड़ा (कुश्ती) का आयोजन किया गया जिसमें आसपास के ग्रामीण अंचलों के पहलवानों ने अपने दांवपेंच दिखाए।
रजेगांव में भी निकाला नारबोद का जुलूस
हर साल की तरह इस साल भी ग्राम रजेगांव में नारबोद पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान वार्ड क्रमांक ४ से जुलूस निकाला गया। जो गांव का भ्रमण करने के बाद सीमा क्षेत्र पहुंचा। जो समीपस्क्ष सीमाक्षेत्र कोहका डीबर पहुंचकर यहां नारबोद का पुतला दहन किया। इस दौरान सभी ने घेउन जारी नारबोद को नारे भी लगाए।
Updated on:
22 Aug 2017 09:16 pm
Published on:
22 Aug 2017 09:15 pm
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