
छल कपट से आदिवासी की भूमि कर ली अपने नाम
बालाघाट. लांजी क्षेत्र के ग्राम कोचेवाही में एक आदिवासी की भूमि को एक ओबीसी वर्ग के व्यक्ति द्वारा धोखाधड़ी कर अपने नाम करवा लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले की बकायदा लिखित शिकायत पीडि़त आदिवासी द्वारा पुलिस थाने व प्रशासनिक अधिकारियों से की गई है। जिसमें उसने कहा है कि नियमानुसार एक आदिवासी की भूमि को ओबीसी वर्ग का व्यक्ति अपने नाम नहीं करवा सकता है। इस मामले की निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग को लेकर पीडि़त ने गुहार लगाई है।
यह है पूरा मामला
पीडि़त केशोराव पिता स्व मेहतर बिंझवार ने पुलिस थाने में शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। केशोराव के अनुसार उसके पिता मेहतर दांदु बिंझवार को आदिवासी होने से पट्टे में मौजा कोचेवाही राजस्व निरीक्षक मंडल भानेगांव लांजी में स्थित भूमि खसरा नंबर 666/5 रकबा 0.101 हेक्टेयर शासकीय भूमि मिली थी। पिता की मृत्यु के बाद नियमानुसार सन १९७५ से १९९८ तक उक्त जमीन उसके नाम हो गई। जिस पर वह काबिज भी रहा। लेकिन वर्तमान में उसे पता चला कि उक्त जमीन को ओबीसी वर्ग के कोचेवाही निवासी अनावेदकगणों जिनमें सोनी मेहतूर ढीमर, और स्वं मेहतूर के बच्चे सुशीला, कौशल्या, ललिता, सुनीता, तुलसीराम ढीमर इन सभी ने मिलकर राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर उक्त भूमि को अपने नाम करवा लिया है। केशोराव के अनुसार उसके पिता का नाम मेहतर था वहीं अनावेदकगणों के पिता का नाम मेहतूर दोनों नामों में समानता होने के कारण ऐसा छल कपट किया गया है।
उल्लेखनीय है कि नियमानुसार एक आदिवासी के नाम की भूमि ओबीसी वर्ग का व्यक्ति क्रय नहीं कर सकता है और ना ही आदिवासी की भूमि ओबीसी वर्ग के व्यक्ति के नाम की जा सकती है। बावजूद इसके इस तरह का मामला सामने आया है। जिसमें आदिवासी के साथ गंभीर धोखाधड़ी किए जाने की बात सामने आ रही है।
दंडनीय अपराध
केशोराव के अनुसार उसके पिता मेहतर बिंझवार की मृत्यु वर्ष 1998 में ना होकर वर्ष 2007 में हुई है। लेकिन अनावेदक गणों के द्वारा उसके पिता की मृत्यु के पूर्व ही उक्त भूमि अपने नाम कैसे करवा ली गई यह जांच का विषय है। केशोराव के अनुसार अनावेदक गणों ने आदिवासी की भूमि को गैर आदिवासी के नाम से राजस्व रिकार्ड में दर्ज करा लिया है, जो कि दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
न्याय की गुहार
पीडि़त केशोराव ने पुलिस थाना लांजी, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक बालाघाट, आदिवासी कल्याण विभाग मप्र शासन को लिखित शिकायत की है। जिसमें न्याय की गुहार लगाते हुए कहा है कि उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर उक्त खसरे नक्शे में दर्ज नाम को निरस्त कर मेहतर पिता दादू के वारसानो का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया जाए।
वर्सन
हमारी जानकारी में अभी इस तरह का मामला नहीं आ पाया है। यदि आवेदक ने शिकायत की है तो मामला हमारे पास आए। जिसकी निष्पक्ष जांच की जाएगी। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
आरपी मार्को, तहसीलदार
Published on:
01 Jul 2018 01:27 pm
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