यह भी पढ़ें
ललितपुर में बसपा ने खेला बड़ा दांव, इन प्रत्याशियों की घोषणा कर सबको चौंकाया, लिस्ट में सपा के पूर्व कद्दावर नेता भी शामिल
जानकारी के अनुसार हाथी सिंह ने 2015 में भी प्रधानी चुनाव लड़ा था। उस दौरान उन्हें केवल 57 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद वह फिर से तैयारी में जुट गए और इस वर्ष दोबारा चुनाव लड़कर जीतने की उम्मीद लगाए बैठे थे। हालांकि उनके गांव की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित घोषित हो गई। जिसके चलते उनके निर्वाचित होने की उम्मीद भी टूट गई। लेकिन, इसका तोड़ निकालने के लिए उनके समर्थकों ने सुझाव उन्हें शादी कर अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने का सुझाव दिया। 13 अप्रैल को नामांकन से पहले हाथी सिंह ने इस सुझाव पर अमल करते हुए शादी करने की ठानी और बिना मुहूर्त बिहार की अदालत में जाकर कोर्ट मैरिज कर ली। इसके बाद अपने गांव आकर मंदिर में 26 मार्च को शादी कर ली। यह भी पढ़ें