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एक IPS ऐसा भी, तैयारी के वक्त रोज फिल्म देखते थे देवरंजन वर्मा

IPS देवरंजन वर्मा अपनी पढ़ाई के बारे में बताते हैं कि वो हमेशा 7 से 8 घंटे ही पढ़ाई करते थे। रात में 8 बजे के बाद वो कभी पढ़ाई नहीं करते थे। वो कहते हैं कि 8 बजे के बाद वो खाना खाने के बाद एक मूवी जरूर देखते थे, जिससे दिमाग फ्रेश रहे और अगले दिन पढ़ाई में मन लगे। देवरंजन वर्मा अपनी कार्य शैली को लेकर हमेशा चर्चा में रहे।

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IPS Devranjan Varma

बलिया के निवर्तमान एसपी के स्थानांतरण के बाद आईपीएस देवरंजन वर्मा को बलिया का नया एसपी बनाया गया है। नए एसपी को लेकर पुलिस महकमे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। मूलतः लखनऊ के रहने वाले देवरंजन वर्मा 2011 बैच के आईपीएस हैं। नए एसपी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।


देवरंजन वर्मा की शुरुआती पढ़ाई लखनऊ के प्रतिष्ठित स्कूल सिटी मांटेसरी में हुई। यहां से इंटरमीडिएट करने के बाद बीएससी में इन्होंने लखनऊ विश्विद्यालय में दाखिला लिया। एमएससी की परीक्षा यहां से उत्तीर्ण करने के पश्चात सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए इन्होंने दिल्ली का रुख किया । चूंकि परास्नातक में इन्होंने गणित विषय में गोल्ड मेडल हासिल किया था इसलिए आईएएस की तैयारी के दौरान भी इन्होंने एक विषय गणित भी लिया। परंतु लगातार 3 अटेंप्ट देने के बाद भी इनका सिलेक्शन नहीं हो पाया। प्री में होता था परंतु मेंस में सिलेक्शन नहीं हो पाता था। जब इन्होने ध्यान दिया तो मैथ में ही नंबर कम आ रहे थे। फिर इन्होंने अपना विषय बदल दिया। इसके बाद चौथे अटेम्प्ट में इनका चयन आईपीएस के पद पर हुआ।

प्रतापगढ़ में पोस्टिंग के दौरान किया था गरुण वाहिनी का गठन
IPS देवरंजन वर्मा अपनी पढ़ाई के बारे में बताते हैं कि वो हमेशा 7 से 8 घंटे ही पढ़ाई करते थे। रात में 8 बजे के बाद वो कभी पढ़ाई नहीं करते थे। वो कहते हैं कि 8 बजे के बाद वो खाना खाने के बाद एक मूवी जरूर देखते थे, जिससे दिमाग फ्रेश रहे और अगले दिन पढ़ाई में मन लगे।
देव रंजन वर्मा अपनी कार्य शैली को लेकर हमेशा चर्चा में रहे। प्रतापगढ़ में अपनी पोस्टिंग के दौरान उन्होंने गरुण वाहिनी का गठन किया । जिसमे सादे वेश भूषा में बाईकों पर पुलिस भीड़भाड़ वाले इलाकों में मौजूद रहती थी। इससे चेन स्नेचर और शोहदों पर रोक लग सके। इसके अलावा कानपुर, प्रयागराज ,मैनपुरी इत्यादि जिलों में भी अपनी तैनाती के दौरान इन्होने पुलिस से काफी हाईटेक तरीके से काम करना सिखाया।
अपनी कार्यशैली को लेकर ये हमेशा चर्चे के केंद्र में रहते हैं। अब देखते हैं बलिया जिले में अपराध को ये कैसे रोक पाते हैं।