मामला उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिकन्दरपुर का है। यहां के एक मुहल्ले की रहने वाली मुस्लिम युवती को पड़ोस के मुहल्ले के एक लड़के से प्रेम हो गया। दोनों छिप-छिपकर मिलने लगे। दोनों परिवारों को जब यह बात पता चली तो उनके गुस्से का ठिकाना न रहा। लड़की के परिजनों का तो जैसे खून खौल गया। लोगों ने लड़की और लड़के दोनों को खूब समझाया। लोकलाज का भय भी दिखाया। लड़की के भाई ने लोकलाज के डर से अपनी बहन को पड़ोसी शफीक खान के घर भेज दिया, ताकि वह उस लड़के को भूल जाए।
पर ऐसा हुआ नहीं, बल्कि जुदाई में उन दोनों का प्यार और परवान चढ़ने लगा। एक दिन मौका पाकर लड़के ने लड़की को एक मोबाइल फोन खरीद कर दे दिया। उसके बाद दोनों का प्यार और कुलांचे मारने लगा। साथ जीने-मरने की कसमें खा लीं। लड़की ने ऐलान कर दिया कि वह उसी लड़के से शादी करेगी। ऐसा नहीं हुआ तो वह अपनी जान दे देगी।
इसके बाद यह मामला पुलिस के पास पहुंच गया। सिकंदरुर पुलिस चौकी में चौकी प्रभारी देवेन्द्रनाथ दुबे ने अपनी सूझबूझ के चलते दोनों पक्षों के बिरादरी के संभ्रांत लोगों के परिवारों को बुलाया। चूंकि लड़की और लड़का दोनों ही मुस्लिम वर्ग से थे इसलिये थोड़ा समझाने के बाद दोनों पक्षों में यह तय हुआ कि दोनों बालिग हैं। परिवारों की रजामंदी लेकर पुलिस चौकी में ही काजी को बुलाकर पुलिस ने दोनों का निकाह करा दिया। निकाह के साक्षी शफीक खान, मु. असगर अहमद, नाहीद हुसैन, विरेन्द्र यादव, अब्दुल मन्नान, संदीप कुमार, शोएब बकूली, नजरुल बारी, कमलेश सोनी, गणेश सोनी, संतोष सोनी, दुर्गा दास, संदीप जायसवाल, नूरुल होदा खान, इमरान खान व राजू मेम्बर आदि बने।
By Amit Kumar