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गर्मी कम पड़ने से जलाशयों में जलभराव बेहतर, वाष्पीकरण भी दो फीट हुआ

बालोद जिले में इस बार गर्मी कम पड़ी है। चार प्रमुख जलाशयों से वाष्पीकरण भी कम हुआ है। नतीजा यह है कि जिले के सभी प्रमुख जलाशयों की स्थिति बेहतर है। इस गर्मी सीजन में जलाशयों से लगभग दो फीट पानी का वाष्पीकरण हुआ है।

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9-10 वर्षों बाद यह स्थिति

तांदुला जलाशय

बालोद. जिले में इस बार गर्मी कम पड़ी है। चार प्रमुख जलाशयों से वाष्पीकरण भी कम हुआ है। नतीजा यह है कि जिले के सभी प्रमुख जलाशयों की स्थिति बेहतर है। इस गर्मी सीजन में जलाशयों से लगभग दो फीट पानी का वाष्पीकरण हुआ है। उम्मीद है कि मानसून सीजन में जल्द ही सभी जलाशयों में ओवरफ्लो देखने को मिले। जलाशयों में जलभराव की स्थिति को देखकर जल संसाधन विभाग भी राहत महसूस कर रहा है। वहीं जलाशय में पानी की अच्छी स्थिति के कारण भूजल स्तर ठीक है।

तांदुला में 50.58 प्रतिशत जलभराव
जल संसाधन विभाग के मुताबिक वर्तमान स्थिति में तांदुला जलाशय में 50.58 प्रतिशत, गोंदली जलाशय 76 प्रतिशत, खरखरा जलाशय 45.83 प्रतिशत व मटियामोती जलाशय 47.60 प्रतिशत पानी भरा है।

पहली बार इस तरह की स्थिति
सिंचाई विभाग के मुताबिक 9-10 वर्षों में पहली बार है, जब जिले के सभी जलाशयों में इतनी अच्छी स्थिति है। अक्सर इस माह की स्थिति में देखा जाए तो जलाशयों में 20 से 30 प्रतिशत ही जल भराव रहता था। मानसून की पहली बारिश में ही जलभराव अच्छा हो सकता है।

जून में कम, जुलाई में ज्यादा हो सकती है बारिश
इस बार मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि सिस्टम सक्रिय होने में समय लग सकता है। इस वजह से मानसून सीजन जून में कम बल्कि जुलाई में अच्छी बारिश हो सकती है।

जलाशयों की स्थिति काफी बेहतर
जल संसाधन विभाग के ईई टीसी वर्मा ने कहा कि इस बार जिले के सभी जलाशयों की स्थिति काफी बेहतर है। इस मानसून सीजन सभी जलाशय ओवरफ्लो होने की पूरी उम्मीद है।