
CG Election 2023 : चुनावों में जीत- हार एक से लेकर हजारों वोट तक भी होती है। लेकिन बहुत कम वोट से मिली हार दिल को दुखाती है। चुनाव में हर एक वोट कीमती होता है। (CG Assembly election 2023 ) जिले के तीनों विधानसभा में चार ऐसे नेता है जिन्होंने बहुत ही कम मतों के अंतर से चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया।
जिले में भी मध्यप्रदेश शासन काल में जब साल 1972 में गुंडरदेही विधानसभा में हुए विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ रहे घना राम साहू ने कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले दिग्गज नेता वासुदेव चंद्राकर को मात्र 29 मतों के अंतर से हराया था। उस समय यह मामला काफी चर्चित रहा। जबकि वासुदेव चन्द्राकर साल 1967 में गुंडरदेही विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक भी बने थे। दूसरी बार चुनाव लड़े तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
इसी प्रकार संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र से 1967 में कांग्रेस के हीरा लाल सोनबोइर ने जनसंघ के दुर्गा प्रसाद यादव को मात्र 1219 मतों से हराया था। यह संजारी बालोद विधानसभा में अब तक के सबसे कम मतों से जीत है। इस चुनाव में कांग्रेस के हीरालाल सोनबोइर को 17861 मत व दुर्गा प्रसाद यादव को 16,642 मत मिले थे।
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1387 वोट से हारे थे इंद्रजीत साहू
साल 1962 में हुए संजारी बालोद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के केशो लाल गुमस्ता ने पीएससी पार्टी के इंद्रजीत साहू को मात्र 1387 मतों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में कांग्रेस के केशो लाल गुमस्ता को 9525 वोट वहीं पीएससी के इंद्रजीत साहू को 8138 वोट मिले थे। इसी प्रकार जनता दल के चमन लाल साहू को कांग्रेस के जालम सिंह पटेल ने साल 1990 के चुनाव में 1927 मतों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में कांग्रेस के जालम सिंह पटेल को 25,134 मत व जनतादल के चमन लाल साहू को 23,207 मत मिले थे।
Published on:
09 Nov 2023 05:57 pm
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