7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

फील्ड ऑफिसर शराब दुकान के कर्मचारियों से मांगते हैं पैसे, कार्रवाई करने सीएम को लिखा पत्र

CG News: कर्मचारियों का कहना है की वे अपनी रोजी-रोटी के लिए काम कर रहे है इसीलिए उन्हें दबाव सहन करना पड़ता है। परिवार को पालने का सवाल है।

2 min read
Google source verification
कार्रवाई करने सीएम को लिखा पत्र (Photo source- Patrika)

कार्रवाई करने सीएम को लिखा पत्र (Photo source- Patrika)

CG News: भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी हितेश कुमार ने मुयमंत्री व कलेक्टर को पत्र लिखकर बालोद आबकारी विभाग में कैप्शन कंपनी और फ़ील्ड ऑफिसर भूपेन्द्र देशमुख द्वारा सरकार को बदनाम करने का प्रयास करने की बात का जिक्र किया है।

इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की बात लिखी गई है। भाजपा नेता ने बताया कि बहुत दिनों से जानकारी मिल रही थी कि कंपनी के फील्ड ऑफिसर भूपेंद्र देशमुख द्वारा जिले की शराब दुकानों के कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। वर्तमान में गुरुर और दल्लीराजहरा के कर्मचारियों ने देशमुख द्वारा पैसा मांगने की शिकायत की है।

CG News: नौकरी बचाने की 1-1 लाख रुपए की मांग की

हरीश कुमार साहू व रोहित सिन्हा (सेल्समैन) ने लिखित में शिकायत की है कि उनसे नौकरी को बचाने के लिए एक-एक लाख की डिमांड की गई है। हरीश कुमार साहू से देशमुख एक बार 5 हजार और 10 हजार ले चुके हैं। ऐसे में जिले में कितने लोगों से पैसा लिया गया होगा।

यह भी पढ़ें: CG News: शराब दुकान के विरोध में सामने आया अधिवक्ता संघ, सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन…

इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। कंपनी के फील्ड अधिकारी देशमुख के कारण भाजपा सरकार का नाम खराब हो रहा है। ऐसे में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश सह-सोशल मीडिया प्रभारी हितेश कुमार ने कैप्शन कंपनी के फ़ील्ड आफिसर भूपेंद्र देशमुख पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

हर महीने रकम की करते हैं डिमांड

CG News: उन्होंने बताया कि उनकी और भी शराब दुकान के कर्मचारियों से बात हुई है। उन सब ने बताया कि भूपेन्द्र देशमुख हर महीने पैसे लेते हैं और कभी दुकान में नहीं रहे या ड्रेस या आई कार्ड नहीं लगाया हो तो 5 से 10 हजार की मांग करते हैं। मजबूरी में नौकरी बचाने के लिए उन्हें पैसा देना पड़ता है। अगर वे इसकी शिकायत करेंगे या किसी को बोलेंगे तो कंपनी द्वारा उन्हें काम से निकाल दिया जाएगा। कर्मचारियों का कहना है की वे अपनी रोजी-रोटी के लिए काम कर रहे है इसीलिए उन्हें दबाव सहन करना पड़ता है। परिवार को पालने का सवाल है।