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contract worker strike : सर्व विभागीय संविदा कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की, कामकाज ठप

balod patrika news छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय आह्वान पर 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई। जिला मुख्यालय के जय स्तम्भ चौक के पास बैठकर हड़ताल की। जिले के लगभग 750 से अधिक संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विभागीय कामकाज ठप हो गया।

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जिले के 750 से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर, पहले दिन मेहंदी और काली पट्टी लगाई

750 से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर, पहले दिन मेहंदी लगाई

बालोद. छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय आह्वान पर 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई। जिला मुख्यालय के जय स्तम्भ चौक के पास बैठकर हड़ताल की। जिले के लगभग 750 से अधिक संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विभागीय कामकाज ठप हो गया। सबसे ज्यादा स्वास्थ विभाग, शिक्षा विभाग व जिला पंचायत में कामकाज प्रभावित हुआ। आंदोलन के प्रथम दिवस महिला कर्मचारियों ने नियमितीकरण के लिए मेहंदी एवं काली पट्टी लगाकर धरना प्रदर्शन किया।

नियमितीकरण नहीं करने पर हड़ताल
सरकार बनने से पूर्व 2018 के जनघोषणा पत्र में कांग्रेस ने संविदा कर्मचारियों से नियमितीकरण का वादा किया था। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद नियमित रूप से वेतन भी नहीं बढ़ाया गया। कर्मचारियों की बिना भर्ती नई-नई योजनाओं का संचालन कर काम का बोझ जरूर बढ़़ गया है। प्रदेश में संविदा कर्मचारी कोल्हू के बैल की तरह पीसे जा रहे हैं। इसके कारण प्रदेश के 54 विभागों में कार्यरत 45 हजार संविदा कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं।

हड़ताल से कामकाज ठप
संघ के जिला समन्वयक रितेश गंगबेर ने बताया कि जिले में कर्मचारियों के उत्साह को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में कई सरकारी दफ्तरों में ताले लटक जाएंगे। स्वास्थ्य सुविधा और पंचायत स्तर के निर्माण कार्य के साथ अन्य आवश्यक सेवाएं ठप पड़ जाएंगी। संविदा नियमितीकरण रथयात्रा के माध्यम से 33 जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन सरकार की तरफ से संवादहीनता जारी है। सरकार को जल्द सकारात्मक पहल करने की जरूरत है।
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सरकार को सुनाई नहीं दे रही हमारी पीड़ा
संघ के सदस्यों ने बताया कि हम संविदा कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। हमारी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। सरकार अपने नियमितिकरण के वादे को लेकर भी अब तक स्पष्ट रूख नहीं दिखा रही है। आंदोलन में स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, क्रेडा, श्रम विभाग, आईटीआई, कृषि विभाग, कौशल उन्नयन एवं जिले समस्त योजना के 550 संविदा कर्मचारी सम्मिलित हुए।