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16 साल बाद भी धान उपार्जन केंद्रों के कंप्यूटर ऑपरेटर का विभाग तय नहीं

धान उपार्जन केंद्रों में 2007 से लगभग 2617 अनियमित कर्मचारी कार्यरत कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर 16 साल से सेवा दे रहे हैं। 9 माह का वेतन खाद्य विभाग के निर्देश पर विपणन संघ समिति को देता है। 3 माह का वेतन समिति देती है। इतने कर्मचारी कौन से विभाग के है, यह 16 साल से शासन तय नहीं कर पाया है।

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हर विभाग कहता है हमारे कर्मचारी नहीं

16 साल बाद भी धान उपार्जन केंद्रों के कंप्यूटर ऑपरेटर का विभाग तय नहीं

बालोद. छग संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश सचिव भूपेंद्र साहू का कहना है कि छग संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त अनियमित कर्मचारियों (प्लेसमेंट, संविदा, ठेका, दैनिक वेतनभोगी, कलेक्टर दर, मानदेय, जॉबदर एवं श्रमायुक्त दर) के हितों में लगातार नियमितीकरण सहित 6 सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्षरत हैं।

कर्मचारी कौन से विभाग के है शासन तय नहीं कर पाया
प्रदेश सचिव भूपेंद्र साहू का कहना है कि प्रदेश के समस्त धान उपार्जन केंद्रों में 2007 से लगभग 2617 अनियमित कर्मचारी कार्यरत कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर 16 साल से सेवा दे रहे हैं। 9 माह का वेतन खाद्य विभाग के निर्देश पर विपणन संघ समिति को देता है। 3 माह का वेतन समिति देती है। इतने कर्मचारी कौन से विभाग के है, यह 16 साल से शासन तय नहीं कर पाया है। मार्कफेड और जिला सहकारी समिति कहती है ये हमारे कर्मचारी नहीं हैं। इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य समर्थन मूल्य धान खरीदी कंप्यूटर ऑपरेटर कल्याण संघ ने कई बार शासन-प्रशासन को समस्या बताई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

विभाग तय नहीं तो एक समान वेतन भी नहीं
साल में 9 महीना अलग वेतन और 3 महीना अलग वेतन। यह स्थिति विभाग तय नहीं होने के कारण है। इनके लिए वेतन के संबंध में अब तक कोई निर्देश नहीं है। इन कर्मचारियों को संविदा वेतन भी नहीं दिया जाता। इनका वेतन मान भी तय नहीं है। प्रशासन को तय करना चाहिए कि कौन से वेतन का लाभ दिया जाए।

नियमितीकरण का मांग
कर्मचारी शासकीय कार्य ईमानदारी से कर रहे हैं तो नियमितीकरण ही चाहेगा। सरकार को ऐसे कर्मचारियों की सुध लेनी चाहिए क्योंकि सरकार ने जन घोषणा पत्र के बिंदु क्रमांक 11 में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया है।