
जैन समाज ने निकाला मुमुक्षु कुमकुम कोटडिया का वरघोड़ा
बालोद/डौंडीलोहारा. मंगलवार को देर शाम नगर में धमतरी निवासी मुमुक्षु बहन कुमकुम कोटडिया का वरघोड़ा निकाला गया। पुराने बस स्टैंड गैंदमल भंसाली के निवास से खुली कार में सवार होकर दोनों हाथ जोड़कर मुमुक्षु कुमकुम ने लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए संयम जीवन पथ की ओर अग्रसर हो रही थी। संयम जीवन सार है, बाकी सब बेकार। जय-जयकार राम गुरु की जयजयकार सहित विभिन्न जयघोष के साथ वातावरण भक्तिमय हो गया था। इस दौरान जैन समाज के लोगों ने अपने-अपने घर के समक्ष मुमुक्षु बहन का तिलक लगाकर स्वागत अभिनंदन किया। मुख्य मार्ग विवेकानंद चौक, भगवान महावीर सदर मार्ग होते हुए वरघोड़ा कार्यक्रम स्थल समता भवन के पास प्रांगण में पहुंचा। नगर के साधुमार्गी जैन संघ, जैन श्रीसंघ सहित नगर के लोगों ने कुमकुम का बहुमान किया।
मेरा नहीं ज्ञान दर्शन चरित्र का अभिनंदन
संयमी जीवन स्वीकार कर प्रशस्त मार्ग की ओर अग्रसर होने वाले धमतरी नगर के कमलेश-संजू कोटडिय़ा की बिटिया कुमकुम ने कहा कि यह मेरा अभिनंदन व बहुमान नहीं है अपितु ज्ञान दर्शन चरित्र का बहुमान व अभिनंदन है। मैं तो एक निमित्त मात्र हूं। आचार्य भगवन श्रीरामलाल जी मसा ने मुझे संयम का मार्ग दिखाया। मैं सभी का आशीर्वाद चाहती हूं, जिससे संयम जीवन का उत्कृष्ट रूप से पालन कर जिनशासन के मार्ग पर अग्रसर रहू। जाने अनजाने हुई गलतियों की क्षमायाचना भी की गई। छोटे-छोटे बच्चों ने धार्मिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। वही राजनांदगांव निवासी वंदना पारख ने गुरु भक्ति की प्रस्तुति दी।
28 मई को राजस्थान में होगी दीक्षा
आचार्य भगवान 1008 श्री रामलाल महाराज से 28 मई को राजस्थान के कानोड़ में मुमुक्षु बहन कुमकुम कोटडिया की दीक्षा होगी। इसके पूर्व नगर सहित विभिन्न स्थानों के संघ समाज व पारिवारिकजन मुमुक्षु बहन का अभिनंदन कर रहे हैं। साथ ही 20-21 मई को धमतरी में संघ समाज मुमुक्षु बहन का वरघोड़ा व अभिनंदन समारोह रखा है।
कुमकुम का डौंडीलोहारा से भी है रिश्ता
नगर के निवासी फूलचंद डोसी के पुत्र प्रफुल्ल डोसी व पुत्रवधू पूर्वी डोसी की वे भतीजी हैं। डोसी परिवार ने भी कुमकुम का बहुमान व अभिनंदन किया। कुमकुम ने बताया कि नगर में बुआ-फूफा के घर आना लगा रहता था। दो वर्ष पूर्व नगर में वर्षावास के दौरान साध्वी कुसुमकान्ता श्रीजी के चातुर्मास काल में लगभग एक माह रुकने का सौभाग्य मिला था। अधिक से अधिक धर्म, ध्यान, तप, त्याग, तपस्या से जुड़कर आत्मा के कल्याण की ओर अग्रसर होने की बात कहते हुए पुन: जाने अनजाने गलतियों की खमत खामना की। इस अवसर पर नगर सहित धमतरी, राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, बालोद, दल्लीराजहरा, देवरी, संबलपुर, भेड़ी, अरजपुरी, अछोली आदि स्थानों से श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था।
Published on:
17 May 2023 11:06 pm
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