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बालोद

98 लाख की माइनर के निर्माण में गुणवत्ता की कमी, अभी से टूटने लगी

गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम परसोदा में लगभग 98 लाख रुपए की लागत से बन रही सिंचाई विभाग की परसदा माइनर में ठेकेदार की लापरवाही देखी जा रही है।

बालोदMay 14, 2024 / 11:39 pm

Chandra Kishor Deshmukh

गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम परसोदा में लगभग 98 लाख रुपए की लागत से बन रही सिंचाई विभाग की परसदा माइनर में ठेकेदार की लापरवाही देखी जा रही है।

minor construction गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम परसोदा में लगभग 98 लाख रुपए की लागत से बन रही सिंचाई विभाग की परसदा माइनर में ठेकेदार की लापरवाही देखी जा रही है। यहां सिंचाई विभाग के जिम्मेदार लापरवाही को देखते हुए भी अनजान बने हुए हैं। कार्रवाई के बजाए सिर्फ मरम्मत करने का आदेश दे रहे है।

ग्रामीणों ने कहा-सही गुणवत्ता के साथ कराएं कार्य

निर्माण कार्य इतना स्तरहीन है कि निर्माण के बाद ही माइनर जगह-जगह टूट रही है। निर्माण कार्य सही गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर व सिंचाई विभाग के ईई को ज्ञापन सौंपा। चेतावनी दी है कि काम सही गुणवत्ता के साथ नहीं हुआ तो चक्काजाम किया जाएगा। मामले में एसडीओ केके वर्मा ने कहा कि जहां माइनर टूटी हुई थी, उसे सुधार लिया गया है। सही गुणवत्ता के साथ काम करने के निर्देश भी ठेकेदार को दिए गए हैं।

पानी की तराई नहीं, स्तरहीन काम से टूट रही

माइनर निर्माण में ठीक से पानी की भी तराई नहीं हो रही है। इसके कारण कांक्रीट भी कमजोर होने लगी है। सही मानीटरिंग नहीं होने से यह स्थिति निर्मित हुई है। यह लापरवाही जारी रही तो स्थिति और गंभीर हो जाएगी।

एक साल भी नहीं टिक पाएगी माइनर

किसानों के खेतों व तालाबों में पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंचे, इसलिए माइनर का काम किया जा रहा है। गुणवत्ताहीन काम ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। स्तरहीन काम से लग रहा है मानो यह माइनर एक साल में ही टूट जाएगी।

सिंचाई विभाग के ईई करें जांच

ग्रामीण धनराज साहू, सुखित राम, सुकालू राम, भोजराम ने बताया कि परसदा माइनर का निरीक्षण सिंचाई विभाग के ईई को करना चाहिए। लापरवाही मिलती है तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई करें।

माइनर का ऐसा निर्माण, की पानी बहने के बजाए ठहर रहा

ग्रामीणों की माने तो माइनर का निर्माण लगभग ढाई किमी तक किया जा रहा है। शुरुआत से ही कार्य स्तरहीन किया जा रहा है। माइनर को सही लेबल व ढाल के साथ नहीं बनाया गया है। इस वजह से माइनर में पानी बहने के बजाए रुक रहा है।

जब गुणवत्ता के साथ निर्माण तो क्यों टूट रही माइनर

जिम्मेदार विभाग का कहना है कि माइनर का निर्माण सही तरीके से हो रहा है। जब सही तरीके से काम हो रहा है तो फिर माइनर टूट क्यों रही है। ग्रामीणों की माने तो कांक्रीट की मोटाई भी कम है। पानी से तराई भी नहीं की जा रही है।

ठेकेदार को लगाई फटकार

तांदुला सिंचाई विभाग के एसडीओ केके वर्मा ने कहा कि माइनर के टूटने की जानकारी मिली थी। निरीक्षण के बाद ठेकेदार को फटकार भी लगाई है। सही गुणवत्ता के साथ काम करने के निर्देश दिए गए थे। ग्रामीणों से मिली शिकायत पर भी जांच की जाएगी।

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