
जिन मेट ने काम नहीं किया, उनको भी कर दिया बर्खास्त, ग्रामीणों में नाराजगी
बालोद @ patrika. ग्राम पंचायत रनचिरई में मनरेगा के कार्यों में गड़बड़ी के मामले में 10 मेटों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसमें ज्यादातर वे मेट शामिल हैं, जिन्होंने कार्य किया ही नहीं है। वहीं मामले में रोजगार सहायिका व सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है।
लीपापोती करने की कोशिश
ग्रामीणों ने गुंडरदेही जनपद पंचायत के सीईओ की इस कार्रवाई पूरे मामले में लीपापोती करने की कोशिश बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि मनरेगा में जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी की बात कही गई है।
सोशल ऑडिट में जांच के बाद गड़बड़ी आया सामने
ग्रामीण धर्मेंद्र ने बताया कि मामले में सोशल ऑडिट की टीम ने जांच की तो गड़बड़ी सामने आई है। इसके बाद जांच अधिकारी ने भी पूरे मामले की जांच की, इसमें भी गड़बड़ी सामने आई है।
रोजगार सहायिका और सचिव ने अपनी गलती स्वीकारी
सबसे बड़ी बात यह है कि जांच अधिकारी और ग्रामीणों के सामने रोजगार सहायिका और सचिव ने अपनी गलती स्वीकार भी कर ली है। इसके बावजूद कार्रवाई में देरी की जा रही है।
अब कलक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन
ग्रामीणों ने बताया कि जब मामले में गड़बड़ी पाई गई और जांच किए लगभग 20 दिन हो चुके हैं। ग्रामीण धर्मेंद्र ने कहा कि मामले में उचित कार्रवाई की जाए। लीपापोती की गई तो कलक्टर से शिकायत करेंगे।
नियमानुसार कार्रवाई
जनपद पंचायत गुंडरदेही के सीईओ शैलेष भगत ने कहा कि मामले में 10 मेट को बर्खास्त कर दिया गया है। रोजगार सहायिका व सचिव भी मामले में दोषी हैं। उन पर कार्रवाई करने के लिए जिला पंचायत को प्रतिवेदन भेजा गया है।
Published on:
24 Sept 2019 08:22 am
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