
प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही पुरातात्विक महत्व के स्थानों के लिए भी जाना जाता है। यहां कई सारे पुरातात्विक महत्व के स्थल भी चर्चित हैं, जिसे करीब से निहारने दूर-दूर से लोग आते हैं।

इन पुरातात्विक स्थानों में चितवाडोंगरी भी है, जो पुरातात्विक शैल चित्रों और प्राकृतिक गुफाओं के लिए काफी चर्चित है।

डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम सहगांव के समीप स्थित चितवाडोंगरी, गाेंदली जलाशय के डुबान क्षेत्र के पास स्थित है।

शैल चित्रों को लेकर भी अध्ययन करने के लिए रायपुर के अधिकारी आएंगे इनका इतिहास खंगाला जाएगा।

चितवाडोंगरी में पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने बैठक, सोलर लाइट, पेयजल, शौचालय, पौधरोपण सहित जाने-आने के लिए पर्यावरण के अनुकुल रास्ते बनाए हैं।

आसपास के क्षेत्रों से ऊँचे स्थान पर स्थित चितवाडोंगरी में बड़ी चट्टानों के बीच काफी सारी छोटी-छोटी गुफाएं आज भी विद्यमान है।

पर्यटकों के लिहाज से इस जगह पर अन्य मूलभूत सुविधाएं जुटाई जाएगी। ताकि इस जगह की लोकप्रियता बढ़े और लोग इसे देखने के लिए पहुंचे।

यहां के विशाल चट्टानों में पुरातात्विक महत्व के शैलचित्र उकेरे हुए दिखाई देते हैं। जिसे वन विभाग ने संरक्षित करने तारों के माध्यम से घेर दिया गया है।