बीते साल 5 लोगों ने किया था नेत्रदान
साल 2020 से पहले नेत्रदान की संख्या अच्छी थी। कोरोना संक्रमण के बाद नेत्रदान में कमी आई, क्योंकि उस समय कोरोना चरम पर था। बीते साल 2021 में कुल 350 लोगों ने नेत्रदान की घोषणा की थी। वहीं 5 लोगों ने नेत्रदान भी किया था। इस साल अभी तक 250 लोगों ने ही नेत्रदान की घोषणा की है। वहीं अभी तक 4 लोग नेत्रदान भी कर चुके हैं।
जिले में 28 दोनों आंख व 150 लोग एक आंख से नेत्रहीन
नेत्र विभाग के मुताबिक जिलेभर में 178 लोग नेत्रहीन हैं। 28 लोग दोनों आंख से नेत्रहीन हैं। वहीं लगभग 150 लोग एक आंख से नेत्रहीन हैं। वहीं अभी भी सर्वे चल रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
अंध विश्वास को किया जा रहा है दूर
जिला नेत्र अधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि नेत्रदान के प्रति अभी भी कई लोगों में अंधविश्वास है। लोगों को लगता है कि नेत्रदान करने पर आंख निकालने पर लोग नए जन्म में अंधे पैदा होते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हैं। नेत्र विभाग लगातार लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक कर रहा है, जिससे अंधविश्वास को दूर किया जा सके।
रमेश प्रसाद गुप्ता दो नेत्रहीन के जीवन में कर गए उजाला
बालोद. नगर के सदर मार्ग निवासी रमेश प्रसाद गुप्ता (80) का बुधवार को निधन हो गया। उन्होंने मरने से पहले नेक काम करते हुए दो नेत्रहीन के जीवन में उजाला ला दिया। उन्होंने मरणोपरांत अपने नेत्रदान की घोषणा की थी। उनके परिजनों की उपस्थिति में नेत्र विभाग की टीम ने उनकी दोनों आंख को सुरक्षित निकाला। वहीं नेत्रों को मेडिकल कॉलेज रायपुर ले जाया गया। इस नेत्रदान दौरान उनके पुत्र आशीष गुप्ता, विपुल गुप्ता, अखिलेश गुप्ता, राजकुमार गुप्ता एवं पूरे परिवार के सदस्य मौजूद थे। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम में बीएमओ डॉ. जितेंद्र सिंह, नेत्र चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिन्हा आदि उपस्थित रहे।