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शहीद दिनेश की पार्थिव देह को कांधा देने उमड़ा गांव, जिस स्कूल में पढ़ाई की उसको मिलेगा शहीद का नाम

कश्मीर में सीमा सुरक्षा सशस्त्र बल जम्मू के सेक्टर 11 में सरहद की सुरक्षा में तैनात बालोद जिले के गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम पैरी निवासी दिनेश ठाकुर बर्फ में दबने से शहीद हो गए। मंगलवार को पार्थिव शरीर घर पहुंचने पर पांच बंदूकों की सलामी के साथ पंचतत्व में विलिन किया गया।

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शहीद दिनेश की पार्थिव देह को कांधा देने उमड़ा गांव, जिस स्कूल में पढ़ाई की उसको मिलेगा शहीद का नाम

बालोद. जिले के गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम पैरी निवासी, एसएसबी का शहीद जवान दिनेश कुमार ठाकुर का मंगलवार को पांच बंदूकों की सलामी के साथ पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलिन हो गया। इस दौरान परिजन के साथ ग्रामीण, पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारी, स्कूली बच्चे व जनप्रतिनिधि मौजूद थे। जवान दिनेश का पार्थिव शरीर तिरंगे से लिपटकर एसएसबी के वाहन से दोपहर 12.40 बजे जैसे ही ग्राम पैरी पहुुंचा, तो दिनेश अमर रहे, भारत माता की जय के नारों के बीच परिजन के साथ पूरा गांव कांधा देने उमड़ पड़ा। इस दौरान हर किसी की आंखें नम थी।

ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन हुआ
कश्मीर में सीमा सुरक्षा सशस्त्र बल जम्मू के सेक्टर 11 में सरहद की सुरक्षा में तैनात दिनेश ठाकुर की शनिवार को पहाड़ी से हिमस्खलन के दौरान बर्फ के चट्टान में दबने से उनकी मौत हो गई थी। उनका पार्थिव शरीर श्रीनगर से हवाई जहाज से रायपुर लाया गया। वहां से एसएसबी के वाहन से सड़क मार्ग से उनका ताबूत दोपहर को बटालियन के जवानों ने ग्राम पैरी लाए। जहां स्कूली बच्चे गांव की सरहद पर अपने भाई के सम्मान में सड़क के दोनों ओर लाइन लगाकर खड़े रहे, वहीं उनके साथी दिनेश की फोटो पोस्टर तैयार कर मुख्य मार्ग पर रखा। जैसे ही पार्थिव शरीर पहुंचा तो बैंडबाजे की धुन के साथ अमर रहे के नारे लगाते बच्चों के साथ पूरा गांव सलामी दी।

स्कूल-कॉलेज के बच्चों के साथ प्रशासन ने दी श्रद्धांजलि
जवान का गृह ग्राम पैरी पहुंचा पार्थिव शरीर तो सबसे पहले उनके अंतिम दर्शन के लिए मुख्य मैदान स्कूल के पास बने मंच पर रखा गया। जहां लगाए गए मैदान के पूरे पंडाल में परिजन, ग्रामीणों के साथ स्कूल व कॉलेज के बच्चे, शिक्षक, पुलिस के जवान, जिला प्रशासन के अधिकारी, जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने बारी-बारी से पुष्पांजलि अर्पित कर सलामी दी। पूरा मैदान भारत माता की जय, वन्दे मातरम् दिनेश अमर रहे के नारों से गूंज रहा था।

चीख पड़ी पत्नी और मां
इस दौरान देश के लिए बेटे की शहादत पर मां मीना बाई व भाई संजीव कुमार व किशन लाल ने नम आंखों से कहा हमें गर्व है कि वह देश के काम आया। मां को बेटे की व पत्नी को पति के शहीद हो जाने की सूचना आज ही सुबह दी गई, तो दोनों बेसुध हो गईं। जब होश आया तो दिनेश की पत्नी वर्षा फिर दहाड़कर रोने लगी। उसका रो-रो कर बुरा हाल है। परिजन उसे ढांढस बंधाने की कोशिश करते रहे, पर आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहा। वह पति के पार्थिव देह पर लिपट गई। ज्ञात रहे कि शहीद दिनेश का अपै्रल 2018 में शादी हुई थी। ऐसी स्थिति में वर्षा पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस दौरान ग्रामीणों की मांग पर मंत्री अनिला भेडिय़ा ने गांव के माध्यमिक शाला स्कूल का नाम शहीद दिनेश ठाकुर के नाम करने की बात कही। पुष्पांजलि के बाद गांव में स्थित शहीद दिनेश के पार्थिव शरीर को सम्मान के साथ मातृभूमि सैन्य सेवा संगठन शहीद परिसर लाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।

यहां पर बनाया जाएगा शहीदों का स्मृति स्थल
संगठन के संरक्षक रमेश भारती व राष्ट्रपति से सम्मानित शिक्षक सीताराम श्याम ने बताया अब जल्द ही संगठन द्वारा शहीदों के लिए यहां स्मृति स्थल बनाएंगे। साथ ही जिले के सभी शहीदों की प्रतिमा यहां लगाई जाएगी। इस दौरान पूरे परिसर को तिरंगे से सजाया गया था।

ड्यूटी पर था जवान : असिस्टेंड कमांडर
इस दौरान एसएसबी छत्तीसगढ़ के असिस्टेंड कमांडर सावेल ने बताया कि एसएसबी का जवान दिनेश ठाकुर ड्यूटी पर था, तभी बर्फ स्खलन से वे दब गए। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकता है।
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