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सामाजिक अंकेक्षण प्रदाता को 8 माह से नहीं मिला भुगतान, हो रहे परेशान

छग सामाजिक अंकेक्षण इकाई दल महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत कार्यों का ऑडिट करता है, लेकिन सामाजिक अंकेक्षण प्रदाता एवं जिला सामाजिक अंकेक्षक प्रदाताओं को 8 माह से वेतन नहीं मिला।

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कलेक्टर से मांग की : आश्वासन के बाद नहीं दिया गया वेतन

जिला पंचायत बालोद

बालोद. छग सामाजिक अंकेक्षण इकाई दल महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत कार्यों का ऑडिट करता है, लेकिन सामाजिक अंकेक्षण प्रदाता एवं जिला सामाजिक अंकेक्षक प्रदाताओं को 8 माह से वेतन नहीं मिला। उन्हें और उनके परिवार को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कलेक्टर जनमेजय महोबे से जल्द लंबित भुगतान कराने की मांग की है।

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अंकेक्षणकर्ताओं का टूट चुका है मनोबल
ऑडिट के दौरान वीएसए, एसएचजी, वीआरपी छह दिन तक ग्राम पंचायत भवन में रुककर मनरेगा के निर्माण कार्यों, लागत राशि, गुणवत्ता एवं भुगतान के समस्त निरीक्षण पूर्ण करते हैं। ऑडिटर्स की टीम मनरेगा मजदूरों के कार्यों का समय पर भुगतान भी कराती हैं। जिले के बालोद, डौंडीलोहारा, डौंडी, गुरुर एवं गुंडरदेही ब्लॉक में अंकेक्षणकर्ताओं को भुगतान नहीं किया गया है। कई बार अंकेक्षण दल ने विभाग के अधिकारियों से पत्राचार भी किया, लेकिन भुगतान नहीं किया गया है। जिससे अंकेक्षणकर्ताओं का मनोबल टूट चुका है।

अगस्त 2021 से नहीं मिला है पारिश्रमिक
जिला पंचायत की जिला सामाजिक अंकेक्षण प्रदाता रेणुका सेन ने बताया कि जिले में पदस्थ कर्मचारी डिस्ट्रिक्ट शोसल ऑडिटर्स (डीएसएएफ), जिला सामाजिक अंकेक्षण प्रदाता, ब्लॉक सामाजिक अंकेक्षण प्रदाता, ट्रेनर को अगस्त 2021 से पारिश्रमिक नहीं दिया गया है। सामाजिक अंकेक्षण इकाई दल के लिए मनरेगा बजट की स्वीकृत राशि से 0.05 प्रतिशत आवंटित होता है। उच्चाधिकारियों ने अब तक अंकेक्षणकर्ताओं का पारिश्रमिक भुगतान नहीं किया गया है।

आश्वासन के बाद भी नहीं मिली राशि
जिला पंचायत डीएसएएफ ने बताया कि अधिकारियों ने फरवरी एवं मार्च तक भुगतान होने की बात कही थी, लेकिन अप्रैल बीतने के बाद भी भुगतान नहीं हो पाया है। उनके सामने स्वयं के साथ परिवार का पेट पालना दूभर हो गया है।