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जांच समिति ने 23 दिन के बाद भी जिपं सीईओ को नहीं सौंपा प्रतिवेदन, दूसरे पक्ष का नहीं लिया बयान

जनपद पंचायत अंतर्गत ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) ग्राम मार्रीबंगला की महिलाओं ने जनपद के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर वित्तीय अनियमितता एवं दुव्र्यवहार का गंभीर आरोप लगाया। मामले की लिखित शिकायत 18 जुलाई को कलेक्टर जनचौपाल में की थी।

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रीपा में वित्तीय अनियमितता व दुव्र्यवहार का आरोप

ग्राम मार्रीबंगला में रीपा में मौजूद महिलाएं जिन्होंने कलेक्टर से शिकायत की है।

बालोद/डौंडीलोहारा. जनपद पंचायत अंतर्गत ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) ग्राम मार्रीबंगला की महिलाओं ने जनपद के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर वित्तीय अनियमितता एवं दुव्र्यवहार का गंभीर आरोप लगाया। मामले की लिखित शिकायत 18 जुलाई को कलेक्टर जनचौपाल में की थी। जांच शिकायत के 23 दिन बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। महिलाओं ने मामले में कार्रवाई की मांग की है।

गठित की थी तीन सदस्यीय जांच समिति
जिला पंचायत सीईओ ने जिला पंचायत के उपसंचालक आकाश सोनी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमिटी का गठन किया था। इसमें शशांक कुमार दास लेखाधिकारी, नितेश साहू प्रभारी सहायक परियोजना अधिकारी को कमेटी का सदस्य बनाया गया था। इन्हें 3 दिवस के भीतर तथ्यात्मक जांच कर प्रतिवेदन सौंपने कहा गया था। कमेटी 25 जुलाई को जांच करने रीपा मार्रीबंगला पहुंची थी, लेकिन आज तक जांच प्रतिवेदन नहीं सौंपा।

दूसरे पक्ष का नहीं हुआ बयान
जांच समिति के सदस्य नितेश साहू व शशांक कुमार दास ने कहा कि मामले में दर्जनों शिकायतकर्ता महिलाओं का कथन लिया गया है लेकिन तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ का बयान अभी तक नहीं हुआ है।

महिलाओं ने अधिकारी पर लगाए थे ये गंभीर आरोप
रीपा की महिला सदस्यों रजनी, हीना साहू, कमलेश्वरी, गीता बाई, गायत्री, गोदावरी, अश्वनी, श्यामा बाई, परमेश्वरी, काजल, कीर्ति, तारणी, किरण वने ने कई गंभीर आरोप लगाए।
1. रीपा में 70 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं। जनपद के अधिकारी का उनके प्रति व्यवहार अनुचित है। बातचीत के दौरान अपशब्दों का उपयोग करने से महिलाएं अपमानित महसूस करती हैं।
2. रीपा के संबंध में प्रश्न करने पर कहा जाता है कि तुम्हारी रीपा संचालन की औकात नहीं है। मैंने तुम लोगों को दो करोड़ का रीपा दिलाया है ।
3. अधिकारी 64 नग सिलाई मशीन की खरीदी के संबंध में अलग-अलग व्यक्ति के पास अलग-अलग राशि का जिक्र करता है। किसी को 18 लाख तो किसी को 32 लाख में खरीदी करना बताया।
4. कूलर खरीदी की राशि के संबंध में पूछने पर चारों कूलर को जनपद पंचायत मंगा लिया और कहा कि जब तक सभी सदस्य माफी नहीं मांगेंगे, तब तक कूलर उपलब्ध नहीं कराएंगे।
5. रीपा के 70 सदस्यों के व्यक्तिगत बैंक खाते में 15 हजार की राशि पेमेंट के नाम से प्राप्त हुई, जिसे वापस मांगा गया। पूछने पर कहा गया कि इस राशि का उपयोग कच्चा माल मंगाने किया जाएगा।
6. तीन माह से सदस्यों ने 3600 नग पेटीकोट सिलाई की गई। सिलाई के दौरान कपड़ा की बिक्री सरल फाउंडेशन को करने की बात कही गई। अब दबाव बनाया जा रहा है कि बिक्री की जिम्मेदारी सदस्यों की है। लोकल मार्केट में स्वयं बिक्री करने पर कीमत 3 लाख से अधिक है। अन्य सामग्री टी शर्ट आदि की बिक्री भी दुर्ग, भिलाई, रायपुर में घूम घूमकर बेचने की बात कही जा रही है।
7. चार माह से लगातार काम करने के बाद भी महिलाओं को मजदूरी के रूप में कुछ भी राशि प्राप्त नहीं हुई है।

जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को सौंपा जाएगा
उप संचालक पंचायत, अध्यक्ष जांच समिति आकाश सोनी ने कहा कि द्वितीय पक्ष तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ की अनुपस्थिति के कारण प्रतिवेदन नहीं सौंपा जा सका है। उन्हें समय सीमा में अपना जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है। जल्द जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को सौंपा जाएगा।