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शहर में वाहनों की स्पीड पर लगाम नहीं, पुलिस का रडार गन सिर्फ दिखावा

बालोद जिले में रफ्तार का कहर थम नहीं रहा है। शहर की सड़कों में वाहन 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रहे हैं, जबकि वाहनों की रफ्तार 20 से 30 किमी प्रति घंटे की होनी चाहिए। इससे दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़े बढऩे लगे हैं। वहीं पुलिस विभाग के पास स्पीड पर लगाम लगाने स्पीड रडार गन है। यह सिस्टम सिर्फ दिखावे के लिए है।

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बढ़ रही सड़क दुर्घटनाएं: दोपहिया और अन्य वाहनों की स्पीड रहती है 50-60 किमी प्रति घंटा, पुलिस ने संकेतक बोर्ड भी लगाए, चालक करते हैं अनदेखी

शहर में वाहनों की स्पीड पर लगाम नहीं, पुलिस का रडार गन सिर्फ दिखावा

बालोद. जिले में रफ्तार का कहर थम नहीं रहा है। शहर की सड़कों में वाहन 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रहे हैं, जबकि वाहनों की रफ्तार 20 से 30 किमी प्रति घंटे की होनी चाहिए। इससे दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़े बढऩे लगे हैं। वहीं पुलिस विभाग के पास स्पीड पर लगाम लगाने स्पीड रडार गन है। यह सिस्टम सिर्फ दिखावे के लिए है। उपयोग कभी कभार ही करते हैं। सबसे ज्यादा खतरा दल्लीराजहरा मार्ग से जिला मुख्यालय होते हुए झलमला मार्ग पर जाने वाले मालवाहक वाहनों से रहता है। इनकी रफ्तार काफी तेज रहती है। इसी माह तेज रफ्तार हाइवा की टक्कर से देवतराई के युवक की मौत हो गई थी। यातायात पुलिस के मुताबिक तीन साल में 1043 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। दुर्घटनाओं में 455 लोगों की मौत एवं 993 लोग घायल हुए हैं। जनवरी माह में ही सड़क दुर्घटना में 5 लोगों की मौत हो चुकी है।

स्पीड रडार गन का उपयोग सिर्फ गुरुर ब्लॉक में अधिक
जिले में स्पीड रडार गन का उपयोग पूरे जिले में नहीं किया जा रहा है बल्कि जिस क्षेत्र में वाहन ज्यादा गुजरते हैं, वहां किया जा रहा है। गुरुर क्षेत्र में हाइवे में इसका उपयोग ज्यादा किया जाता है। अब जिला मुख्यालय में भी इसका उपयोग करने की जरूरत है।

हमारे लिए भी तेज रफ्तार खतरा
कॉलेज विद्यार्थी देवेंद्र, शिखा, रागनी, हसीना ने बताया कि हम लोग रोजाना कॉलेज आते हैं। निर्माणाधीन नेशनल हाइवे में भी तेज रफ्तार मालवाहक दौड़ते हैं। धूल से परेशानी है ही, लेकिन तेज रफ्तार वाहन भी किसी खतरे से कम नहीं हैं। तेज रफ्तार दौड़ रही वाहनों पर लगाम लगाया जाए।

संकेतक बोर्ड नाम के
यातायात पुलिस विभाग ने जगह -जगह संकेतक बोर्ड भी लगाए हैं। बोर्ड भी सिर्फ नाम मात्र का हो गया है। वाहन चालक इन संकेतक बोर्ड की अनदेखी करते हैं। पुलिस विभाग की माने तो शहर के अंदर वाहनों की रफ्तार 20 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से होनी चाहिए।

टेकापार के पास खड़ी टैक्टर ट्राली में घुसा बोलेरो
शुक्रवार की रात लगभग 8 बजे करीब टेकापार के पास खड़ी टैक्टर ट्राली में तेज रफ्तार बोलेरो वाहन घुस गया। बोलेरो के सामने का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि बोलेरो चालक को मामूली चोट आई है।

तेज रफ्तार वाहन चालकों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई
बालोद यातायात प्रभारी दिलेश्वर चंद्रवंशी ने कहा कि वाहनों की स्पीड के लिए हर मार्ग में स्पीड तय की गई है। शहर के अंदर कितनी स्पीड व ग्रामीणों सड़कों में कितनी स्पीड वाहन चलाए। वहीं तेज रफ्तार वाहन चालकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही हैं। स्पीड रडार गन का भी उपयोग करते हैं।