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महिलाएं ऐसे गढ़ रही प्रतिमा जैसे मां दुर्गा साक्षात सामने खड़ी

पुरुषों के साथ महिलाएं भी मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनाती हैं। प्रतिमा बनाने के साथ मातारानी की प्रतिमा का श्रृंगार भी महिलाएं करती हैं। घर के सभी महिलाएं मिलकर देवी मां को चूड़ी, चुनरी, साड़ी, माहुर, बिंदिया, नेल पॉलिश, पायल सहित पूरा सोलह श्रृंगार करती हैं।

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मां की प्रतिमा का श्रृंगार करतीं महिलाएं।

बालोद. जिले का ग्राम बरही जहां पुरुषों के साथ महिलाएं भी मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनाती हैं। प्रतिमा बनाने के साथ मातारानी की प्रतिमा का श्रृंगार भी महिलाएं करती हैं। घर के सभी महिलाएं मिलकर देवी मां को चूड़ी, चुनरी, साड़ी, माहुर, बिंदिया, नेल पॉलिश, पायल सहित पूरा सोलह श्रृंगार करती हैं। जब देवी मां को घर से विदाई देती हैं, तब सबकी आंखें नम हो जाती हैं। महिलाओं का कहना है कि इतने दिनों तक देवी की प्रतिमा बनाते हैं, जब लोग प्रतिमाओं को ले जाते हैं तो ऐसा लगता है कि घर से बेटी जा रही है। पूरा परिवार भावुक हो जाता है। ग्रामीण महिलाओं को मूर्ति बनाते देखते हैं तो हैरत में पड़ जाते हैं।

अपनी मां का कर रहे हैं श्रृंगार
बरही की महिला मूर्तिकार अनिता कुंभकार ने बताया कि वह अपने पति व परिवार के साथ देवी मां सहित अन्य प्रतिमा का निर्माण करती हैं। जब मां की प्रतिमा की श्रृंगार की बारी आती है तो वह समय बेहद भावुक रहता है। श्रृंगार करने के दौरान लगता है कि देवी मां हमारे सामने खड़ी हैं और हम उनका श्रृंगार कर रहे हैं।

ऐसा लगता है कि परिवार का कोई सदस्य जा रहा
मूर्तिकार ईश्वरी कुंभकार ने बताया कि 15 दिन से चल रही मेहनत के बाद प्रतिमा पूरी होने के बाद उसे लोग ले जाने आते हैं तो कभी ऐसा लगता है कि परिवार का कोई सदस्य घर छोड़कर जा रहा हो। माता की घर से विदाई के दौरान आंख भर जाती है।

IMAGE CREDIT: balod patrika

नवरात्रि पर्व पर देवी मां की आराधना के साथ शुभ कार्य भी होंगे
बालोद. शारदीय नवरात्रि रविवार से शुरू हो रहा है। नवरात्रि का हर दिन शुभ रहता है, लेकिन ग्रह नक्षत्रों के मेल से विशेष संयोग बन रहा है। नवरात्रि में देवी मां की आराधना के साथ शुभ कार्य भी होंगे। नवरात्रि में खरीदारी शुभ रहेगी। 9 दिनों तक भक्त देवी मां की भक्ति में लीन रहेंगे। जस भजनों का दौर चलेगा। 23 अक्टूबर को नवमी व 24 को दशहरा है।

ज्योति कलश व प्रतिमा स्थापना का शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.38 से दोपहर 12.36 तक

चौघडिय़ा मुहूर्त
सुबह 9.38 से 10.56 तक लाभ
सुबह 10.56 से 12.24 तक अमृत
दोपहर 1.53 से 3.20 तक शुभ
शाम 6.16 से 7.48 तक शुभ
रात्रि 7.48 से 9.20 बजे तक अमृत