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शिवनाथ नदी उफान पर, भाटापारा-बिलासपुर सड़क मार्ग एक बार फिर बंद, आवागमन पूरी तरह ठप…

Baloda Bazar News: भाटापारा से बिलासपुर के लिए सड़क संपर्क मार्ग एक बार फिर से भंग हो गया है। अर्थात भाटापारा से बिलासपुर का सड़क मार्ग बंद हो गया है।

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शिवनाथ नदी उफान पर (फोटो सोर्स - पत्रिका)

शिवनाथ नदी उफान पर (फोटो सोर्स - पत्रिका)

CG News: भाटापारा से बिलासपुर के लिए सड़क संपर्क मार्ग एक बार फिर से भंग हो गया है। अर्थात भाटापारा से बिलासपुर का सड़क मार्ग बंद हो गया है। बता दें कि इस बरसात में यह दूसरी बार है जब सिमरिया घाट का पुल पानी में डूब चुका है। भाटापारा से 7 किलोमीटर दूर सिमरिया घाट पुल पर बहने वाली शिवनाथ नदी का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है।

इस संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की रात से ही सिमरिया घाट का पुल पानी में डूब चुका है और आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है पुल से 4 फीट पानी ऊपर बहने की जानकारी मिली है। इधर बारिश भी लगातार हो रही है और बताया गया है कि ऊपर से भी पानी बहुत आ रहा है, जिसकी वजह से शिवनाथ नदी में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो चुकी है। आसपास के गांव वालों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

वहीं दूसरी तरफ पुल के उस पार रहने वाले लोगों को भाटापारा कामकाज के लिए आने के लिए 30 किलोमीटर से भी अधिक की दूरी अतिरिक्त तय करनी पड़ रही है। भाटापारा से नांदघाट लिमतरा मार्ग पर ट्रैफिक काफी ज्यादा बढ़ गया है। रायपुर बिलासपुर की ओर जाने वाले समस्त वाहन इसी मार्ग से आ जा रहे हैं। रविवार को भी दिन भर पुल डूबा रहा।

उधर, धरसीवां क्षेत्र में ओवरलोड मालवाहकों से ग्रामीण सड़कें हो रही खस्ताहाल

औद्योगिक इकाइयों के ओवर लोड वाहन धरसीवा विधानसभा क्षेत्र की ग्रामीण सड़कों की जान ले रहे हैं। साथ ग्रामीणों की जान को भी ये खतरा बने हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, चरोदा से टाडा, मोहदी, दौंदे, प्रधानमंत्री सड़क सांकरा से पठारीडीह पीएम सड़क और सिलयारी क्षेत्र की पीएम सड़कों की क्षमता बारह टन की है।

साथ ही पीडब्ल्यूडी की सड़कों की क्षमता इससे थोड़ी अधिक है, लेकिन उन पर तीस से चालीस टन वजनी मालवाहक औद्योगिक इकाइयों का माल लेकर निरंतर गुजरते हैं। इस कारण इन सड़कों की बहुत कम समय में जान निकल रही है। सिलयारी से कुथरेल व तिल्दा मार्ग पर स्थित उद्योगों में ओवर लोड माल ले जाते ट्रेलरों से कई बार लोहे के भारी भरकर बंडल सड़कों पर गिरने से बड़े हादसे होते होते टल चुके हैं। ओवर लोड मालवाहक भी अनियंत्रित होकर सड़क के नीचे उतर चुके हैं।