
CG Election: नगरीय निकाय चुनावों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया गुरुवार को की गई। इसके तहत भाटापारा में 31, बलौदाबाजार, नवापारा के 21-21 और गरियाबंद के 15 वार्डों के लिए लॉटरी निकाली गई। जिलों के कलेक्ट्रेट में दोपहर तक प्रक्रिया पूरी कर ली गई। इसी के साथ ये भी साफ हो गया कि किस वार्ड में किस वर्ग को लड़ने का मौका मिलेगा! शाम होते तक चौपाटियों से पान ठेलों तक किसी नेता के किस्मत चमकने, तो किसी की किस्मत फुटने की चर्चाओं का दौर चल पड़ा।
दरअसल, आरक्षण के बाद कई मौजूदा पार्षद अब अपने वार्ड से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। वहीं कई ऐसे नेता हैं, जो सालों से पार्टी का झंडा उठाकर मेहनत कर रहे हैं। ग्राउंड पर मजबूत पकड़ बना चुके इन नेताओं में जहां अपना वार्ड दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित होता देखकर मायूसी है, वहीं आरक्षण के बाद कई वार्डों में अब नए और युवा चेहरों को टिकिट मिलने की संभावना बन रही है। (Chhattisgarh News) जिन वार्डों में पुराने नेता की मेहनत पर पानी फिरने और नए को मौका मिलने की संभावनाएं बलवती हैं, उन वार्डो की बात ज्यादा हो रही है।
हालांकि, अभी तो चर्चाओं का दौर शुरू हुआ है। आगे पार्टियों द्वारा टिकिटों का बंटवारा और जनता द्वारा नेता चुनने की कहानी बाकी है। बहरहाल, 5 साल बाद होने जा रहे निकाय चुनावों से पहले आरक्षण ने लोकतंत्र के उत्सव का उत्साह बढ़ा दिया है। चौक-चौराहों की चर्चाओं में ही अब विकास के मुद्दे तय हो रहे हैं। जिन नेताओं को इस चुनाव किस्मत आजमानी है, वे ऐसी चर्चित बैठकी में हाजिरी लगाकर अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की कवायद में हैं।
बलौदाबाजार पालिका के 21 वार्डों में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसके बाद कई मौजूदा पार्षदों की राजनीति संकट में नजर आ रही है। कई वार्डों में आरक्षण के चलते पार्षदों को अब अपने ही वार्ड से चुनाव लड़ने में मुश्किल हो सकती है क्योंकि आरक्षण से वार्ड की स्थिति में बड़े बदलाव हुए हैं। वार्ड नंबर 1 में मौजूदा पार्षद गोविंद पात्रे का वार्ड अब अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो गया है।
इसी तरह, वार्ड नंबर 3 में जहां वर्तमान में संकेत शुक्ला पार्षद हैं, वह अब अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हो गया है। वार्ड नंबर 4 में गौतम ठेठवार पार्षद हैं। अब यह सामान्य महिला वार्ड में तब्दील हो गया है। इसी तरह अन्य कई वार्डों में भी आरक्षण ने मौजूदा पार्षदों के अपने ही वार्ड से चुनाव लड़ने की संभावना लगभग समाप्त कर दी है। इन बदलावों से ज्यादा प्रभावित होने वाले पार्षदों में वार्ड 9 की मनजीत कौर सलूजा, वार्ड 16 के गोल्डी मरैया, वार्ड 19 के रोहित साहू और पालिका अध्यक्ष चितावर जायसवाल का वार्ड नंबर 20 प्रमुख है। इन वार्डों में आरक्षण के बाद पार्षदों को अपने ही वार्ड से चुनाव लड़ने में मुश्किलें आ सकती हैं।
CG Election: हालांकि, कुछ वार्ड ऐसे भी हैं जहां आरक्षण से कोई बदलाव नहीं हुआ। इनमें प्रमुख रूप से वार्ड 2 (अनिमेष नेताम), वार्ड 5 (धर्मेंद्र वर्मा), वार्ड 6 (रीटा केसरवानी), वार्ड 7 (अंजनी भारद्वाज) और वार्ड 8 (सतीश पटेल) शामिल हैं। इन वार्डों के मौजूदा पार्षदों के लिए अब भी अपने ही वार्ड से चुनाव लड़ने का रास्ता खुला हुआ है।
बता दें कि बलौदाबाजार पालिका में 2019 के चुनाव में भाजपा का दबदबा रहा था। उस समय नगर के 21 वार्डों में भाजपा के 7 पार्षदों ने जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस के 8 और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी (छजका) के 4 पार्षदों ने भी जीत दर्ज की थी। (Chhattisgarh News) पालिका चुनावों में भाजपा के प्रभाव को देखते हुए आगामी निकाय चुनावों में पार्षदों का चयन भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है। भाजपा ने दमदार प्रत्याशियों का चयन किया, तो बलौदाबाजार पालिका से भाजपा को फिर बड़ी जीत मिल सकती है।
Updated on:
20 Dec 2024 01:15 pm
Published on:
20 Dec 2024 01:14 pm
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