
बलौदाबाजार. जिले में एक अनुसूचित जनजाति वर्ग की नाबालिग के साथ लैंगिग अपराध करने के आरोपी ग्राम रवान चौकी बया थाना राजादेवरी जिला बलौदाबाजार निवासी लीलेश प्रधान पिता विशिकेशन प्रधान को 10 वर्ष कारावास व व 5 हजार अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई।
मिली जानकारी के अनुसार पीडि़त 7वीं कक्षा में पढ़ती है। दीपावली त्योहार के समय वह अपनी सहेली के साथ उसी के मकान के सामने रंगोली बना रही थी। रंगोली बनाने के बाद उसकी सहेली अपने घर के अंदर चली गई। पीडि़ता रंगोली के पास ही खड़ी थी। उसी समय आरोपी लीलेश प्रधान वहां आया। इसके बाद उसने बाड़ी में ले जाकर उसके साथ अनाचार किया। इस दौरान नाबालिग की चीख सुनकर गांव के तीन चार लोग वहां आए। जिन्हें देखकर आरोपी लीलेश घटनास्थल से भाग गया।
आरोपी के भागने के बाद वे चारों लोग नाबालिग को उसके घर लेकर आए। थाना राजादेवरी पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे दोषी पाते हुए पाक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 10 वर्ष की कठोर कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई। अर्थदंड जमा न करने की स्थिति में एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई मिली।
हवस की भूख में जीजा ने 6 साल की बच्ची को भी नहीं बख्शा
बालौदाबाजार जिले के भाटापारा में छह वर्ष की बालिका के साथ अनाचार के आरोपी विशाल देवार को न्यायालय ने धारा 376 (2) भादवि व धारा 6 पास्को एक्ट के मामले में आजीवन कारावास व 1000 रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार मामला थाना भाटापारा शहर का है।
जीजा ने रिश्ते को किया तार-तार
घटना के दिन नाबालिग अपने घर के बाहर खेल रही थी। इसे आरोपी जो रिश्ते मे उसका जीजा लगता है, उठाकर अपने झोपड़ी में ले गया। जहां उसने उसके साथ अनाचार किया। जब बालिका आरोपी के घर से निकल रहीं थी, तो उसकी मां ने देखा की वह रो रही है।
अनाचार किए जाने की बात नाबालिग ने अपनी मां को बताई। इसके बाद परिजनों ने भाटापारा थाना में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से आरोपी विशाल देवार को गंभीर अपराध में लिप्त पाए जाने पर उसे आजीवन कारावास व 1000 के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई।
Published on:
12 May 2018 07:00 pm
बड़ी खबरें
View Allबलोदा बाज़ार
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
