Commits suicide: बेटे का सपना पूरा करने पिता लूना में बर्तन बेचने गांव-गांव जाता था, बेटे के सभी शौक करते थे पूरे, अचानक बेटे ने उठा लिया घातक कदम
रामानुजगंज। ग्राम नवाडीह निवासी एक युवक ने मंगलवार को फांसी (Commits suicide) लगाकर जान दे दी। इस घटना से उसके माता-पिता सदमे में हैं, उनका रो-रोकर बुरा हाल है। दरअसल पिता ने बेटे को लेकर कई सपने देखे थे, इसलिए अपने पुत्र के पहले सुबह उठकर अपने लूना में बर्तन लेकर बेचे चल जाते थे, ताकि उसकी पढ़ाई एवं परवरिश अच्छे से हो सके। साथ ही अच्छे कपड़े, जूते-चप्पल व जरूरत के सारे सामान में कभी कोई कमी नहीं की। पक्के का मकान भी इसलिए बनाया गया कि बेटे को यह न लगे कि खपरे के घर में रहते हैं। अब बेटे के नहीं रहने से वे सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। वे सोच रहे हैं कि आखिर हमने क्या कमी की कि बेटे ने ऐसा कदम उठा लिया।
बलरामपुर जिले के रामानुजगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नवाडीह निवासी मुरली गुप्ता का पुत्र अंकेश गुप्ता 19 वर्ष रामानुजगंज कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था। अंकेश (Commits suicide) की मां अपना इलाज कराने झारखंड के डाल्टनगंज गई थी। पिता के साथ वह घर में था।
मंगलवार की सुबह पिता ने कहा कि वह खेत की तरफ जा रहा है, तुम खाना बनाकर रखना, पिता जब 1 घंटे के बाद आए तो पुत्र को खोजने लगे। फिर ढूंढते हुए छत की ओर नजर गई तो अंकेश की लाश फांसी (Commits suicide) पर लटक रही थी। अपने इकलौते बेटे को खोने के गम को माता-पिता भूल नहीं पा रहे हैं, मंगलवार से बह रही आंसू की धाराएं रुक नहीं रहीं हंै।
बताया जा रहा है कि अंकेश जब बीमार पड़ा था तो पिता व्याकुल हो गए थे, उसे इलाज के लिए काफी दूर-दूर ले गए थे और अंतत: ठीक कराकर ही वापस लाए थे।
मुरली गुप्ता ने बेटे (Commits suicide) को पूरी छूट दी थी कि तुमको जो पढ़ाई करना है करो, कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। मां जब अंकेश को डांटती थी तो पिता पत्नी को डांटते थे कि इसे बहुत ज्यादा मत टोका करो, इसे अपने मन से करने दो तो हमारा बेटा अच्छा करेगा। लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि बेटा एक दिन उन्हें छोडक़र हमेशा के लिए चला जाएगा।
युवाओं द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या (Commits suicide) करने की कुछ दिनों की यह चौथी घटना है। लोगों का कहना है कि आखिरकार युवा क्यों छोटी-छोटी बातों में इतना गुस्सा हो जा रहे हैं या हताश-निराश हो जा रहे हैं कि उन्हें आत्महत्या करना पड़ रहा है। समाज को अब जगने की आवश्यकता है ताकि आने वाले समय में दोबारा ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
ये भी पढ़ें