5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Road Accident: सडक़ हादसे में जीजा-साले की मौत, शादी समारोह से लौटते समय पेड़ से टकरा गई थी बाइक

Road Accident: ससुराल गया था युवक, वहां से अपने साले के साथ शादी समारोह में होने गया था शामिल, डेढ़ वर्ष पूर्व ही हुई थी शादी

2 min read
Google source verification
Road accident

Jeet Ravi who died in road accident

रामानुजगंज. नगर के वार्ड क्रमांक 5 निवासी एक युवक झारखंड के ग्राम बरदरी स्थित अपने ससुराल गया था। यहां वह अपने साले के साथ बीते सोमवार की रात एक शादी कार्यक्रम में सम्मिलित होकर वापस लौट रहा था, तभी बाइक अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। इस हादसे में साले की मौके पर मौत (Road Accident) हो गई, जबकि युवक ने अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में दम तोड़ दिया। इस दुर्घटना से मृतकों के परिजन सदमे में हैं। युवक की शादी डेढ़ वर्ष पूर्व ही हुई थी, उसका 1 माह का बच्चा भी है।

बलरामपुर जिले के रामानुजगंज स्थित वार्ड क्रमांक 5 निवासी जीत रवि 27 वर्ष अपने ससुराल झारखंड के बरदरी गया था। यहां से वह नजदीक के ही गांव में अपने साले उपेंद्र रवि पिता रामलाल राम (Road Accident) के साथ शादी समारोह में शामिल होने के लिए सोमवार को गया था।

दोनों रात 9 बजे वापस लौट रहे थे, इसी दौरान रास्ते में बाइक (Road Accident) अनियंत्रित होकर महुआ पेड़ से टकरा गई। इस हादसे में उपेंद्र रवि की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि जीत गंभीर रूप से घायल हो गया।

उसे गढ़वा सदर अस्पताल इलाज के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी भी मौत हो गई। मंगलवार को गमगीन माहौल में रामानुजगंज में उसका अंतिम संस्कार किया गया। पार्षद विजय रावत ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

ये भी पढ़ें:Bank scam: Video: सहकारी बैंक में 23.74 करोड़ का घोटाला उजागर, 11 अधिकारी-कर्मचारी गिरफ्तार, गए जेल

Road Accident: घर का था इकलौता कमाऊ सदस्य

करीब डेढ़ वर्ष पूर्व जीत की शादी हुई थी, एक माह पूर्व पुत्र का भी जन्म हुआ था। इस हादसे में अबोध बच्चे के सिर से पिता का साया उठ गया। जीत अपने घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था। घटना (Road Accident) के बाद परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है।

व्यवहार कुशल व मिलनसार जीत के इस प्रकार अचानक चले जाने से वार्ड के सभी लोग गमजदा हैं। कोई भी घटना पर सहज रूप से विश्वास नहीं कर पा रहा है।