
बलरामपुर. सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त करने का सरकार का दावा और प्रयास बलरामपुर जिले में बेअसर साबित हो रहा है । सरकार के सख्त दिशा निर्देशों के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी घोटाले करने बाज नहीं आ रहे हैं । ताजा मामला जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट परिसर में बनाए गए ईवीएम वेयर हाउस का है जिसके निर्माण में लाखों के वारे न्यारे ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों द्वारा किए गए हैं । इसका खुलासा उस समय हुआ जब डीएम कृष्णा करुणेश ने ईवीएम वेयरहाउस का निरीक्षण उप जिला निर्वाचन अधिकारी तथा अवर अभियंता के साथ किया ।
निरीक्षण में पाया गया कि भवन निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है । खराब ईट के साथ-साथ खराब क्वालिटी के बालू का भी उपयोग किया गया है । इसके अलावा सीमेंट बालू का अनुपात भी ठीक नहीं है, दरवाजों की क्वालिटी घटिया है तथा फर्श कमजोर बनाई गई है । छत की बीम तथा शटरिंग बहुत ही खराब है जिसके कारण कुछ बीमे टेंढ़ी भी हो चुकी हैं । छत की गुणवत्ता जांचने के लिए पानी भरवाया गया जिससे उसकी पोल खुल गई और छत से पानी तेजी से टपकने लगा तथा दीवारों में सीलन दिखाई देने लगा । आश्चर्य की बात तो यह है कि इस भवन के निर्माण में लगभग 90 लाख रुपए व्यय हुए हैं और पूरा भुगतान भी किया जा चुका है ।घटिया निर्माण के बाद सख्त तेवर में आये जिलाधिकारी ने चार अधिकारियों हैदर मेहंदी रिजवी अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण, अनिल कुमार सक्सेना पूर्ब अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण , प्रदीप कुमार श्रीवास्तव सहायक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण तथा सतीश चंद्र अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण के विरुद्ध एफआईआर करने का आदेश जारी किया है । चारों अधिकारियों के विरुद्ध कोतवाली देहात में एफआईआर दर्ज किया जा चुका है । अब देखने वाली बात है कि भवन निर्माण के दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में ही डीएम से लेकर तमाम जिम्मेदार अधिकारी आते जाते रहे और उन्हीं के सामने यह घटिया निर्माण कार्य वर्षों से चलता रहा लेकिन किसी ने देखने की जहमत नहीं उठाई और अब जब निर्माण कार्य पूरा हो चुका है तब कार्यवाही की बात की जा रही है।
Published on:
28 Apr 2018 12:52 pm
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