
पहले नहीं देखा होगा बाढ़ का ऐसा कहर, जान बचाने के लिए सारी रात पेड़ पर बैठे रहे 5 युवक, देखें वीडियो
बलरामपुर. 15 घंटों की मूसलाधार बारिश और पहाड़ी नालों में आये सैलाब ने बलरामपुर (Flood in Balrampur) में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। सैलाब ने बलरामपुर के तराई इलाके में भारी तबाही मचाई है। रातों-रात आयी इस तबाही में दो दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हो गये। एसडीआरएफ की टीम ने 13 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला है, जबकि दो लोग बाढ़ के पानी में लापता हैं। अचानक आई इस बाढ़ ने लोगों को संभलने का भी मौका नहीं दिया।
तेज बहाव में बह गई एम्बुलेंस
जिले के ललिया थानाक्षेत्र में मोबाइल एम्बुलेन्स बाढ़ के तेज बहाव में फंस गयी, जिसमें पांच स्वास्थ्य कर्मी सवार थे। देर रात चक चले रेस्क्यू आपरेशन में एसडीआरएफ की टीम ने एम्बुलेन्स में फंसे कर्मियों को बाहर निकाला।
जान बचाने के लिए सारी रात पेड़ पर बैठे रहें
पहाड़ी नालों से आयी अचानक बाढ़ में फंसे पांच युवक जान बचाने के लिये पेड़ पर चढ़ गये थे। सारी रात पांचों युवक दो अलग-अलग पेड़ों पर बैठे रहे। सुबह इन्हें एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
ट्रैक्टर टॉली भी बह गई
जिले में एक ट्रैक्टर-ट्राली बाढ़ के तेज बहाव में बह गयी, जिस पर चार लोग सवार थे। तीन को सकुशल बचा लिया गया, लेकिन एक युवक चेतराम वर्मा अभी भी लापता है। उसकी तलाश की जा रही है। गौरा चौराहा थाना क्षेत्र के बरहना गांव में एक युवक बाढ़ के पानी में बह गया, जिसकी तलाश की जा रही है।
12 घंटे तक बाधित रहा रेल रूट
बाढ़ का पानी रेलवे ट्रैक पर आ जाने से 12 घंटे तक रेलमार्ग अवरुद्ध रहा। कौवापुर व तुलसीपुर रेलवे स्टोशन के बीच रतोहा गांव के पास बाढ़ के तेज बहाव में रेलवे ट्रैक की मिट्टी धंस गयी थी। ट्रैक दुरुस्त करने का बाद ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया।
क्या है एसडीआरएफ
एसडीआरएफ एक रेस्क्यू टीम है। इसमें ट्रेंड पुलिस, एक्स आर्मी और होमगार्ड के जवान शामिल होते हैं। इस टीम के सदस्य बचाव कार्य के आधुनिक उपकरणों से लैस होते हैं। इनमें मेडिकल और अग्निशमन टीम भी शमिल होती है।
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Updated on:
24 Jun 2019 08:43 pm
Published on:
24 Jun 2019 08:26 pm
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