मामले में राजेश्वर मिश्रा का आरोप है कि जुलाई 2017 में पुलिस ने उनको हत्या के एक मामले में फर्जी फंसाने के बाद लगातार उत्पीड़न कर फर्जी तौर पर एनकाउंटर करने का प्रयास कर रही है। इसको लेकर जिले की पुलिस ने उनका नाम एटीएस व एसटीएफ को भी भेजा है। राजेश्वर का आरोप है शासन सत्ता व व्यक्ति विशेष के दबाव में स्थानीय पुलिस ऐसा कर रही है। 2007 में हुई हत्या के एक मामले में राजेश्वर मिश्रा कई सालों तक जेल में रहे और जेल से निर्दोष साबित होकर छूटने के बाद राजनीति में शामिल हो गये। इन्होंने 2009 में जेल से पीस पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव, 2012 में अपना दल व 2017 में बीजेपी का टिकट ना मिलने पर निर्दल तुलसीपुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। बाद में तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने निर्दल चुनाव लड़ने के कारण बीजेपी से इनकी सदस्यता भी समाप्त कर दी थी।
एनकाउंटर मामले को लेकर वहां मौजूद सपा नेता व पूर्व विधायक अशफाक अहमद ने सीएम योगी पर आरोप लगाया कि वे आतंकवादी का रूप धारण कर खुद आतंकवादी पैदा कर रहे हैं। पूर्व विधायक ने कहा कि इस सरकार में प्रजातंत्र का सबसे घिनौना रूप दिखाई दे रहा है।