ट्रेन की चपेट में आने से 90 भेड़ों की मौत हो गई। मालिक ने नहर में कूदकर अपनी जान बचाई।
बलरामपुर के गोरखपुर-गोंडा रेलवे ट्रैक पर रविवार को हादसा हुआ। ट्रैक पर भेड़ के शवों को 8 गिद्ध खा रहे थे। आठों गिद्ध भी ट्रेन की चपेट में आ गए। उनकी भी मौत हो गई।
रविवार को विशनपुर कोडर गांव के रहने वाले प्रभुराम अपनी भेड़ों को चराने ले गए थे। वहीं, जुडीकुंया गांव के पास उनकी भेड़ों पर कुछ कुत्तों ने हमला कर दिया। सारी भेड़ें अपनी जान बचाने के लिए सरयू नहर की तरफ भागीं। रेलवे ट्रैक के पास जैसे ही सारी भेड़ पहुंची, तभी गोरखपुर से लखनऊ जा रही ट्रेन की चपेट में आ गई। सभी भेड़ों की ट्रेन से कटकर मौके पर ही मौत हो गई।
नहर में कूदने से बची भेड़ मालिक की जान
अधिकारी ने बताया, “प्रभुराम ने देखा कि उनकी भेड़ों पर कुछ कुत्तों ने हमला कर दिया है। वह अपनी भेड़ों को बचाने के लिए उन कुत्तों के पीछे भागे, लेकिन ट्रेन आने से वह नहर में कूद गया, जिससे उसकी जान बच गई।”
मोतीनगर गांव के प्रधान नंद कुमार पांडेय ने बताया, “घटना के बाद क्षेत्र के विधायक एसपी यादव ने गांव का दौरा किया है। इस दौरान स्थानीय विधायक ने रेल मंत्री और प्रदेश सरकार से भेड़ों के मालिक प्रभुराम को 40 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है।
रेलवे ट्रैक से शवों को हटाने के निर्देश
तुलसीपुर के उप-जिलाधिकारी मंगलेश दुबे ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हादसे की रिपोर्ट बनाकर जिला प्रशासन और रेलवे विभाग को भेजी जाएगी। जिला प्रशासन ने मरे भेड़ों और गिद्धों के शव को हटाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बीमारी न फैलने पाए।