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Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को बांदा जेल में मौत हो गई थी। 29 मार्च को कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान कब्रिस्तान के बाहर उनके समर्थकों की भारी हुजूम रहा। मुख्तार का बड़ा बेटा अपने पिता मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल नहीं हो पाया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसार को अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने के लिए जेल से बाहर जाने की इजाजत दे दी है।
अब्बास अंसारी कासगंज जेल में बंद है। पिता मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पहली बार पत्नी से बात करते हुए अब्बास अंसारी रोने लगा था। इस दौरान अब्बास अंसारी ने पत्नी से फोन पर पिता के जनाजे और उनको दफन किये जाने की पूरी जानकारी ली। इतना ही नहीं, जब मुख्तार अंसारी को मिट्टी दी जा रही थी, उस समय सांसद अफजाल अंसारी के रोने की खबर भी आई है।
पिता की मौत की खबर सुनकर अब्बास अंसारी पूरी रात फफक- फफक कर रोता रहा। सुबह वह अपनी बैरक में टहलता भी नजर आया। अब्बास अंसारी ने आज भी रोजा रखा है। वह जेल की बैरक में प्रति दिन किताबें पढ़कर अपना समय पास करता था, लेकिन कहा जा रहा है कि पिता मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब्बास अंसारी ने किताबें उठाकर भी नहीं देखी है। मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल होने के लिए विधायक बेटे अब्बास अंसारी को पेरोल दिए जाने या फिर न्यायिक हिरासत में जनाजे में शामिल होने की इजाजत दिए जाने की अर्जी शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में नहीं दाखिल हो सकी थी। इसी वजह से अब्बास जनाजे में नहीं शामिल हो पाया।
Published on:
09 Apr 2024 04:55 pm
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