
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
बांदा. जिले में ठंड से बचाव के लिए जलाए अलाव की चिंगारी से कच्चे घर में लगी आग में मां व तीन मासूम बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई। घर में भूसा भरे होने और लकड़ी की धन्नियां लगी होने से आग ने विकराल रूप ले लिया और किसी को बाहर निकलने तक का मौका नहीं मिला। सुबह आग की लपटें देखकर गांव वालों ने शोर मचाया लेकिन अंदर जाने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया। सुबह करीब साढ़े आठ बजे थाना पुलिस और फायर ब्रिगेड पहुंची और आग बुझाने के बाद मलबे से शवों को खोजकर बाहर निकाला। मौके पर एसडीएम व सीओ समेत अफसर मौजूद रहे।
जिले के दुबे का पुरवा मजरा निवासी कल्लू राजस्थान के जयपुर में मजदूरी करता है। उसकी पत्नी 35 वर्षीय संगीता अपने तीन बच्चों नौ वर्षीय अंजली, छह वर्षीय बेटे आशीष और तीन साल की बेटी छोटी के साथ रहती थी। सुबह करीब साढ़े चार बजे ग्रामीणों ने उसके घर से आग की लपटें निकलते देखीं तो शोर मचाया। आग की भयावहता देखकर कोई पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। बाद में दरवाजा तोड़ा गया तो पूरा घर मलबे में तब्दील हो चुका था। हर तरफ केवल जला हुआ मलबा पड़ा था और धुआं उठ रहा था। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई।
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करीब नौ बजे के बाद दमकल कर्मियों ने फावड़े से मलबा हटाना शुरू किया। काफी देर बाद संगीता और उसकी बड़ी बेटी अंजली का शव मिला। करीब पांच घंटे बाद बाकी दो बच्चे के जले हुए अंग मिले। घटना के बाद से गांव में मातम छाया है। पुलिस और प्रशासन ने राजस्थान में मजदूरी करने वाले कल्लू को सूचना भिजवाई है। वहीं एसडीएम ने अनुमन्य आर्थिक मदद दिए जाने की बात कही है। एसडीएम सौरभ शुक्ला ने बताया कि आग लगने की पहली वजह सर्दी से बचाव को रखे गए अलाव की चिंगारी प्रतीत हो रही है। जांच के बाद हकीकत सामने आएगी। भोर पहर करीब तीन बजे आग लगने की संभावना जताई जा रही है, हर बिंदु पर जांच की जा रही है।
Published on:
26 Dec 2020 02:22 pm
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