30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बांदा में केन नदी का जल स्तर, प्रशासन ने किया अलर्ट जारी

बांदा में केन नदी का जल स्तर, प्रशासन ने किया अलर्ट जारी

2 min read
Google source verification

बांदा

image

Ruchi Sharma

Jul 22, 2018

BANDA

बांदा में केन नदी का जल स्तर, प्रशासन ने किया अलर्ट जारी

बांदा. जिले की केन नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। अचानक बढ़े जलस्तर से तलहटी में बसे ग्रामीणों में फिर डर पैदा कर दिया है । दो साल पहले आई केन नदी में बाढ़ से सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए थे और हजारों लोग बेघर हो गए थे। मध्यप्रदेश की पहाड़ियों में लगातार हो रही झमाझम बारिश से केन नदी का जल स्तर तेजी के साथ बढ़ने लगा है। केन का जल स्तर प्रति घंटा एक मीटर की गति से बढ़ रहा है। जिसको देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर दिया है। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने केन नदी के जल स्तर पर नजर बनाये रखने के निर्देश दिए गए हैं वहीं निचली बस्ती में रहने वाले लोगों को 24 घंटे सतर्क रहने की भी हिदायत दी गयी है ।


बुंदेलखंड भले ही सूखे की विभीषिका से जूझ रहा हो लेकिन एमपी के पहाड़ों में झमाझम हो रही रही बारिश से केन नदी का जल स्तर तेजी के साथ बढ़ने लगा है। पिछले 24 घंटे में केन का जल स्तर 4 मीटर बढ़ गया है, जिससे तलहटी में बह रही केन का पानी काफी ऊपर आ गया है । सूचना मिलते ही प्रशासन सकते में आ गया है । केन किनारे की बस्तियों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है । प्रशासनिक अधिकारियों ने केन नदी के जल स्तर का जायजा लिया।

लेखपालों को निर्देश दिए गए है कि वह जल स्तर पर निरंतर नजर बनाए रखें । इसके साथ ही उन्होंने निचली बस्ती के लोगों को 24 घंटे सतर्क रहने के लिए कहा गया है साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारीयों को भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी समय उनके विद्यालयों को राहत शिविर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। लिहाजा विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं । इसके साथ ही उन्होंने निचली बस्ती के लोगों को 24 घंटे सतर्क रहने के लिए कहा गया है । साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी समय उनके विद्यालयों को राहत शिविर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है ।

नदी के किनारे रह रहे लोगों ने बताया कि अभी तक प्रशासनिक अमले का कोई भी अधिकारी न तो आया है और न ही कोई प्रशासन की तरफ से उन्हें निर्देश मिला है । ग्रामीणों ने अपनी समस्या को लेकर बताया कि उन्हें हर साल नदी की प्रलय का सामना करना पड़ता है, जब बाढ़ आती है तो वो बेघर हो जाते हैं और बाढ़ खत्म होने तक गांव छोड़कर ऊंचाई की ओर झोपड़ी बनाकर रहना पड़ता है ।