
बेंगलूरु. नवसंवत्सर के राजा सूर्य मीन राशि को छोड़ कर अपनी उच्च राशि मेष में 14 अप्रैल को प्रवेश करने के साथ ही एक माह से मांगलिक कार्यों पर लगा विराम खत्म हो जाएगा। विवाह, मुंडन संस्कार, जनेऊ संस्कार जैसे कार्य शुरू हो जाएंगे। ज्योतिषाचार्य सुरेश शास्त्री के अनुसार सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही मांगलिक कार्य शुरु हो जाएंगे। वर्तमान में मीन मलमास होने के कारण मांगलिक कार्यों पर विराम लगा हुआ है। इस वर्ष के राजा सूर्य और मंत्री शनि देव है और सूर्य का अपनी उच्च राशि में प्रवेश शनिवार के दिन ही हो रहा है।
पं राजकुमार चतुर्वेदी के अनुसार मलमास 14 मार्च से चल रहा है जो 14 अप्रैल को सुबह 8.11 बजे सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही समाप्त हो जाएगा। वर्ष के राजा सूर्य शनिवार के दिन सुबह 8.11 बजे मीन राशि से अपनी उच्च राशि मेष में पूर्व से ही स्थित शुक्र ग्रह के साथ युति करेंगे। सूर्य और शुक्र की यह युति 14 अप्रैल से 19 अप्रैल तक रहेगी।
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धूमधाम से हुआ उपधान तपस्वियों का प्रवेश
बेंगलूरु. पाश्र्व सुशाील धाम में बुधवार को आचार्य मुक्ति सागर सूरीश्वर की निश्रा में उपधान तपस्वियों का प्रवेश धूमधाम से हुआ। इस प्रसंग पर आचार्य ने कहा कि उपधान तप की आराधना में बब्बर शेर की तरह प्रवेश किया है तो अब 47 दिनों तक इसका पालन भी इसी तरह करना है।
श्रावक जीवन में रहकर साधु जीवन की मस्ती ऐसे उपधान तप द्वारा ही मिल सकती है। श्री अभ्युदय उपधान तप समिति के सुरेश बंदामुथा, जयंतीलाल मुथा, खिमराज पगारिया, अभय कुमार जैन एवं नगराज सेठिया ने उत्तर पारणा के लाभार्थी दूधमल बागरेचा का बहुमान किया। मीडिया प्रभारी देव कुमार जैन ने बताया कि डेढ़ सौ तपस्वियों ने बुधवार को प्रवेश किया, १३ व १५ अप्रेल को और कई साधकों का प्रवेश होगा। दौ सौ आराधक यह उपधान तप करेंगे।
Published on:
12 Apr 2018 07:50 pm
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