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धोती पहने किसान को मॉल में प्रवेश करने से रोका, बेटा मल्टीप्लेक्स में फि‍ल्‍म दिखाने ले गया था पिता को

नागराज ने कहा कि एक बेटे के रूप में वह चाहता था कि उसके पिता मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखें। फकीरप्पा ने कहा, गांव के लोग हमारी पंचे (धोती) को कैसे छोड़ सकते हैं और पैंट पहनकर फिल्म देखने आ सकते हैं?

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बेंगलूरु. एक 70 वर्षीय किसान जो अपने बेटे के साथ एक मॉल में मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने गया था, उसे कथित तौर पर उसकी पोशाक यानि धोती और सफेद शर्ट के कारण प्रवेश से रोक दिया गया। यह घटना मंगलवार शाम 6 बजे के आसपास मागड़ी मेन रोड पर जीटी मॉल में हुई।

फकीरप्पा के बेटे नागराज ने मॉल के प्रवेश द्वार पर सुरक्षा पर्यवेक्षक के साथ बातचीत को रिकॉर्ड किया। पर्यवेक्षक को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मॉल के नियमों के अनुसार धोती पहने लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं है और अगर किसान पैंट पहने तो वह उसे प्रवेश की अनुमति देगा।

बाद में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नागराज ने कहा कि एक बेटे के रूप में वह चाहता था कि उसके पिता मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखें। फकीरप्पा ने कहा, गांव के लोग हमारी पंचे (धोती) को कैसे छोड़ सकते हैं और पैंट पहनकर फिल्म देखने आ सकते हैं?

मॉल प्रबंधन ने माफी मांगी

इसके बाद कन्नड़ संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बुधवार सुबह मॉल के सामने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें कई लोग धोती पहनकर मॉल में घुसे और विरोध जताया। किसान को मॉल में भी लाया गया, जहां मॉल के प्रबंधन के प्रतिनिधियों ने सार्वजनिक रूप से उससे माफी मांगी और उसका सम्मान किया। इससे पहले दिन में फकीरप्पा को अंदर नहीं जाने देने वाले सुरक्षा पर्यवेक्षक ने भी अपने कृत्य के लिए माफी मांगी।

फकीरप्पा ने मीडिया से कहा कि वह अनपढ़ हैं, लेकिन शिक्षा का महत्व जानते हैं। मैंने अपने सभी पांच बच्चों को शिक्षित किया है। वे अब अच्छी स्थिति में हैं। लेकिन मैं अपनी संस्कृति और पहनावे को छोड़कर सिर्फ मॉल जाने के लिए पैंट नहीं पहन सकता। दुख की बात है कि हमारे ही राज्य में लोग हमारे पहनावे और संस्कृति को लेकर हीन भावना रखते हैं।

इससे पहले फरवरी में एक व्‍यक्ति को वैध टिकट होने के बावजूद सुरक्षा गार्ड ने यह कहते हुए मेट्रो ट्रेन में चढ़ने से रोक दिया था कि उसके कपड़े गंदे हैं। बाद में बीएमआरसीएल ने किसान को रोकने वाले सुरक्षा पर्यवेक्षक को बर्खास्त कर दिया।