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मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतों पर कार्रवाई में ना हो देरी: जस्टिस दत्तू

बैठक: राष्ट्रीय मानवाधिका आयोग का दो दिवसीय खुला सत्र

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बेंगलूरु. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश एच. एल. दत्तू ने कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन की शिकायतों पर शीघ्र कार्रवाई के उद्देश से कई कार्यक्रम आरंभ किए गए हैं। उन्होंने गुरुवार को विकास सौधा में दो दिवसीय खुला सत्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि केंद्र और सभी राज्य मानवाधिकार आयोग के जरिए बेहतर तरीके से अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। मानवाधिकार उल्लंघन के शिकार लोगों को शीघ न्याय प्रदान कराया जा रहा है। लोगों को त्वरित सहायता देने के लिए एक कार्यनीति बनाने पर चर्चा जारी है। इसके लिए उच्चतनम न्यायालय के सेवा निवृत्त न्यायाधीशों से सुझाव लिए जा रहे हैं।

गांवों में काम करें चिकित्सक
उन्होंने कहा कि आयोग ने चिकित्सकों के दो साल तक ग्रामीण क्षेत्र में काम करने को अनिवार्य बनाने के निर्देश सभी राज्य सरकारों को दिए हैं। कुछ राज्यों ने इसका पालन किया है। कर्नाटक इस मामले में पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि निजी शिक्षा संस्थानों, कॉलेजों और विश्व विद्यालयों में ग्रामीण प्रतिभाशाली छात्रों को प्रवेश नहीं मिलता। डोनेशन के नाम पर शिक्षा का कारोबार किया जारहा है। ऐसे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है। चिंता तो इस बात की है कि कई मंत्री ही शिक्षा संस्थान चलाते हैं। इसलिए कोई कार्रवाई नहीं होती।


महिलाएं उत्पीडऩ की शिकायत करें
उन्होंने कहा कि देश मे हर पांच मिनट में बलात्कार या यौन उत्पीडऩ की शिकायत दर्ज होती है। अपमान के डर से कई महिलाएं शिकायतें दर्ज नही करातीं। जिससे आरोपियों की होसले बुलंद हो रहे हैं। महिलाओं को चाहिए कि वे आयोग में शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस कार्रवाई नहीं होने पर आयोग खुद ऐसे मामलों को गभीरता से लेकर जांच कर रहा है। आयोग के सदस्यों को सभी राज्यों में भेज कर पुलिस के कामकाज का जायजा लिया जा रहा है। दत्तू ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गो रक्षा और बच्चों की चोरी की अफवाहों के कारण निर्दोष लोगों की हत्याएं की जा रही हैं। ऐसे मामलों मे ंलिप्त लोगों को कड़ी सजा देने की जरूरत है। विशेष और त्वरित न्यायालय स्थापित करने की जरूरत है। राज्य के मुख्य सचिव टी.एम.विजय भास्कर, प्रदेश की पुलिस महा निदेशक नीलमणि एन.राजू, आयोग के सदस्य न्यायाधीश मुरुगेशन, ज्योतिका, डी. एच. वघेला और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


तीन माह में हो शिकायतों का निस्तारण
राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य ने दिए निर्देश
बेलगावी. राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य रूपक कुमार दत्ता ने गुरुवार को कहा कि प्राप्त शिकायतों का निस्तारण तीन महीने के भीतर किया जाएगा। उन्होंने जिला स्तरीय बैठक में अधिकारियों के साथ लंबित मामलों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अब आयोग जल्द शिकायतों का निस्तारण करेगा।

उन्होंने कहा कि मेरी पीठ में 4000 से ज्यादा मामले हैं। यदि मामलों में देरी हुई तो लोगों का आयोग से विश्वास उठ जाएगा। शिकायतों का तीन महीने के भीतर निवारण आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग के जांच खंड को मजबूत किया गया है। नोटिस की प्रकिया पर सहायक आयुक्त, उपायुक्त या किसी भी संबंधित अधिकारी को जवाब नहीं देना चाहिए। इससे पहले संबंधित व्यक्ति से दर्ज शिकायत की जांच होगी और इसके बाद नोटिस जारी होंगे।