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शहर में 29 से आरंभ होगा अतिक्रमण हटाने का कार्य

सभी अधिकारी अतिक्रमण हुए सभी विवरण संग्रहित कर निशान लगाया है

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शहर में 29 से आरंभ होगा अतिक्रमण हटाने का कार्य

बेंगलूरु. बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) और बेंगलूरु शहरी जिला प्रशासन ने 29 अक्टूबर से अतिक्रमण हटाने का फैसला लिया है। पालिका और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से अतिक्रमण से संंबंधित सर्वेक्षण कार्य लगभग पूरा कर लिया है।

दशहरा त्योहार के बाद पहले चरण में 71 निर्माण को ढहाया जाएगा। महादेवपुर मेंं कुल 226 मामलों में 46, दक्षिण क्षेत्र में 17 निर्माण ढहाए जाएंगे। यलहंका क्षेत्र में 8 भवन, एक कारखाना और एक अपार्टमेन्ट तथा एक तालाब पर हुए अतिक्रमण को हटाया जाएगा।

जिला प्रशासन ने खाली भूखंड, कृषि भूमि, कंपाउंड, बरसाती नाले और तालाबों पुर हुए अतिक्रमण हटााने के लिए सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। सभी अधिकारी अतिक्रमण हुए सभी विवरण संग्रहित कर निशान लगाया है।

जहां तक निशान लगाया है, वहां तक हुए अतिक्रमण हटाए जाएंगे। अधिकारियों ने जून से 21 जुलाई तक 450 अतिक्रमण का पता लगाकर कुछ क्षेत्रों में निशान लगाने का कार्य पूरा किया है। 450 मामलों में 70 मकान ढहाए जाएंगे। महादेवपुर में सबसे अधिक अतिक्रमण के मामले चिह्नत हुए हैं।

226 मामलों में 46 भवनों को ढहाया जाएगा। यहां बरसाती नालों पर भी अधिक अतिक्रमण हुआ है। कई निवास के मालिकों ने न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त किया था। अब पालिका ने इस स्थगन आदेश को रद्द कराने में सफलता प्राप्त की है।

भू-माफियाओं ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर यहां भूखंड बेचे थे। कई लोगों ने भूखंड ख्ररीद कर यहां घर बना लिए हैं। पालिका ने साल 2016-17 के दौरान 1,953 अतिक्रमण का पता लगाकर 1,225 का निराकरण किया है। अब भी 562 मामले लंबित हैं।

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800 बसों को बेड़े से बाहर करेगा बीएमटीसी
बेंगलूरु. बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) 11 साल पुरानी पुरानी और 8.5 लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी 800 बसों को इस वर्ष अपने बेड़े से हटाएगा। उन्हें कबाड़ में बदलने के बाद नीलाम कर दिया जाएगा।

वित्त वर्ष 2017-18 में 1406 नई बसों के निगम के बेड़े में शामिल हो जाने के बाद यह संकेत दिए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि आर्थिक मंदी के कारण 2014-15 और 2015-16 के बीच केवल 298 बसें खरीदी गई। बीएमटीसी अधिकारियों की मानें तो बसों के ब्रेकडाउन की संख्या में कमी आई है।