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मंगलवार को मैसूरु दशहरा महोत्सव का होगा आगाज

महोत्सव के इतिहास में पहली बार किसी किसान को उद्घाटन का मौका मिला है, इस मौके पर मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या, जिला प्रभारी मंत्री श्रीनिवास प्रसाद और मंत्रिमंडल के अन्य कई सदस्य भी मौजूद रहेंगे

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Manjoor Ahamad

Oct 12, 2015

Mysore Dasara Festival, Karnatak, Dasara

Mysore Dasara Festival Ceremony

मैसूरु.
विश्व प्रसिद्ध मैसूरु दशहरा महोत्सव का आगाज मंगलवार को पूरे पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ होगा। हालांकि, राज्य में सूखे की गंभीर स्थिति और किसानों की आत्महत्या के कारण इस बार महोत्सव काफी सादगी से मनाया जाएगा। महोत्सव को राज्य उत्सव (नाड हब्बा) को दर्जा प्राप्त है।

पहली बार किसान को उद्घाटन का मौका

महोत्सव के इतिहास में पहली बार किसी किसान को उद्घाटन का मौका मिला है। इस बार एच डी कोटे तालुक के प्रगतिशील किसान महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
इस बार किसानों को संबल देने के लिए किसान से ही उद्घाटन कराने का निर्णय लिया गया। दशहरा महोत्सव आयोजन समिति के मुताबिक पुट्टया सुबह 11.05 से 11.55 बजे के बीच धनु लग्र में शहर की अधिष्ठात्री देवी चामुंडेश्वरी की पूजा के साथ महोत्सव का उद्घाटन करेंगे
। इस मौके पर मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या, जिला प्रभारी मंत्री श्रीनिवास प्रसाद और मंत्रिमंडल के अन्य कई सदस्य भी मौजूद रहेंगे। प्रशासन ने उद्घाटन समारोह की तैयारियां पूरी कर ली है। महोत्सव के दौरान सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

सादगी भरा आयोजन

महोत्सव के लिए इस बार राज्य सरकार ने अनुदान में कटौती करते हुए सिर्फ चार करोड़ रुपए का अनुदान जारी किया है। किसान दशहरा, कवि सम्मेलन, कुश्ती प्रतियोगिताएं, फल-पूष्प प्रदर्शनी, जम्बो सवारी तथा टार्च परेड दस दिवसीय दशरहा महोत्सव के आकर्षण होंगे। यहां के परेड मैदान में महोत्सव के अंतिम दिन 23 अक्टूबर को आयोजित टॉर्च परेड में राज्यपाल वजूभाई वाळा भाग लेंगे।
तीन दिवसीय विशेष किसान दशहरा महोत्सव इस बार मैसूर जिले के सभी सात तहसीलों में आयोजित किया जाएगा। इस बार केवल मैसूर, चामराजनगर, हासन तथा मण्ड्या जिले के कलाकारों को अवसर मिलेगा। इससे पहले समारोह में अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीयकलाकारों को आमंत्रित किया जाता था।

400 साल पुरानी परंपरा

मैसूरु दशहरा महोत्सव की परंपरा 400 साल पुरानी है। वाडियार राजवंश के शासनकाल में शुरू हुई पंरपरा अब भी जारी है। हालांकि, आजादी के बाद इसमें काफी बदलाव आ चुका है। सरकारी और पूर्व मैसूरु शाही परिवार की ओर से महोत्सव के दौरान अलग-अलग कार्यक्रम होते हैं। सरकारी कार्यक्रम दशहरा महोत्सव के उद्घाटन, टार्च लाइट परेड और सांस्कृतिक व मनोरंजक कार्यक्रम तक सीमित रहता है जबकि मैसूरु महल में पूर्व शाही परिवार की ओर से धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता है। महोत्सव के दौरान महल में लगने वाला पूर्व शाही परिवार के उत्तराधिकारी का सांंकेतिक निजी दरबार आकर्षण का मुख्य केंद्र होता है। पिछले साल निजी दरबार का आयोजन पूर्व शाही परिवार के आखिरी उत्तराधिकारी श्रीकंठदत्ता नरसिम्ह राजा वाडियार के निधन के बाद नए उत्तराधिकारी के नहीं चुने जाने के कारण नहीं हुआ था। इस बार नए उत्तराधिकारी यदुवीर श्रीकंठदत्ता पहली बार सांंकेतिक दरबार लगाएंगे।




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