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Bharatpur News : भजनलाल के गुरु महंत रामदास का निधन, अंतिम संस्कार में शामिल हुए सीएम

Bharatpur News : भरतपुर के सेवर स्थित लुधावई बड़ा हनुमान मंदिर के महंत रामदास महाराज का निधन हो गया। सीएम भजन लाल शर्मा अंतिम संस्कार में शामिल हुआ और पुष्प चक्र अर्पित किया। सीएम भजन लाल महंत राम दास महाराज को अपना गुरु मानते थे।

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Bharatpur Ludhawai Bara Hanuman Temple Mahant Ramdas passed away CM Bhajanlal attended funeral

भरतपुर के सेवर स्थित लुधावई बड़ा हनुमान मंदिर के महंत रामदास महाराज और सीएम भजनलाल। फोटो पत्रिका

Bharatpur News : भरतपुर के सेवर स्थित लुधावई बड़ा हनुमान मंदिर के महंत रामदास महाराज का निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। सीएम भजन लाल शर्मा अंतिम संस्कार में शामिल हुए और पुष्प चक्रअर्पित किया। सीएम भजनलाल शर्मा महंत राम दास महाराज को अपना गुरु मानते थे, वे हर गुरु पूर्णिमा को उनकी पूजा करते थे और परिवार के साथ आशीर्वाद लेते थे। सीएम शर्मा ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और जयपुर रवाना हो गए। मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर एमएसजे मैदान में उतरा था। इसके बाद का हेलीकॉप्टर बांसी पहुंच गया। वहां से वे जयपुर के लिए रवाना हो गए।

संपूर्ण संत समाज और शिष्यों के लिए अपूरणीय क्षति

सीएम भजनलाल शर्मा ने सोशल अकाउंट X पर लिखा कि आज लुधावई मन्दिर पहुंचकर पूज्य गुरुदेव श्रीश्री 1008 श्री महामंडलेश्वर श्री रामदास महाराज जी के अंतिम दर्शन किए। महाराज श्री का दिव्य सान्निध्य और आध्यात्मिक मार्गदर्शन सदैव प्रेरणा का स्रोत रहा है। उनका गोलोक गमन संपूर्ण संत समाज और शिष्यों के लिए अपूरणीय क्षति है। प्रभु से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके भक्तों को इस दुख को सहने की शक्ति दें। ॐ शांति!

मुख्यमंत्री भजनलाल के गुरु थे महंत रामदास

जयपुर रोड पर लुधावई गांव की पहचान यहां के हनुमान मंदिर से हैं। इसे बड़ा हनुमान मंदिर कहा जाता है। इसके महंत रामदास महामंडलेश्वर थे। संभवतया: जिले में एक ही महामंडलेश्वर हैं। महंत रामदास के अनेक शिष्य हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी हैं। वह गुरुपूर्णिमा पर गुरु पूजन के लिए भी आते रहते थे। इसलिए मंदिर कुछ वर्षों में तेजी से लोकप्रिय हुआ है।

महंत रामदास हरियाणा से 1979 में आए थे भरतपुर

बताते हैं कि महंत रामदास मूलत: हरियाणा के थे और वह 1979 में भरतपुर आए। सबसे पहले वह मिश्री वाली बगीची जघीना गेट पर आए। यहां महंत रामेश्वर दास उर्फ रामप्रियदास जी के पास रहे। उस समय रामप्रियदास जी की बड़ी ख्याति थी। उनसे गुरु मंत्र प्राप्त किया। बाद में महंत रामदास ने कुछ समय कन्नी गुर्जर चौराहा स्थित हनुमान मंदिर में भी सेवा पूजा की। बाद में लुधावई के कुछ लोग संपर्क में आए और वह उन्हें बड़े हनुमान मंदिर ले गए।

जिले के प्रमुख मंदिरों में शामिल है हनुमान मंदिर

महंत की सेवा पूजा से मंदिर की ख्याति तेजी से फैली। अब यह जिले के प्रमुख मंदिरों में गिना जाता है। मंदिर का भव्य निर्माण महंत की प्रेरणा से हुआ। हाइ-वे का टोल होने के कारण लुधावई चर्चा में रहता है।

गुरु पूर्णिमा पर लगता है भंडारा होता

मंदिर में हनुमानजी की एक बड़ी और एक छोटी प्रतिमा है। इसके अलावा रामदरबार, राधा-कृष्ण सहित कई देवी-देवताओं की भी प्रतिमाएं हैं। हर साल गुरु पूर्णिमा पर बड़े स्तर पर भंडारा होता है। कुंभ सहित देश के बड़े धार्मिक आयोजनों में मंदिर का पंडाल लगता है।