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नालंदा और तक्षशिला की विरासत को आगे बढ़ा रहा बीसीयू

विदेशी भाषाएं सीखने से अंतरराष्ट्रीय संबंध मजबूत होते हैं और वैश्विक व्यापार एवं वाणिज्य में सुविधा होती है।

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बेंगलूरु सिटी यूनिवर्सिटी (बीसीयू) स्थित वैश्विक भाषा केंद्र ने अपने 40वें वर्ष के समारोह के एक भाग के रूप में गुरुवार को विदेशी भाषा सीखने में नवीन शिक्षण विधियां विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में नव विकसित स्पेनिश और फ्रेंच भाषा की पाठ्यपुस्तकों का विमोचन किया गया।

राज्य उच्च शिक्षा परिषद Karnataka Higher Education Council के उपाध्यक्ष प्रो. एस.आर. निरंजन ने इस संगोष्ठी का उद्घाटन किया। उन्होंने आज के वैश्वीकृत संदर्भ में अंत:विषय और बहुविषयक शिक्षा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विदेशी भाषाएं सीखने से अंतरराष्ट्रीय संबंध मजबूत होते हैं और वैश्विक व्यापार एवं वाणिज्य में सुविधा होती है।

भारत की समृद्ध शैक्षिक विरासत के साथ तुलना करते हुए, उन्होंने नालंदा और तक्षशिला Nalanda and Takshila जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों का उल्लेख किया और कहा कि बीसीयू जैसे संस्थान 14 विदेशी भाषाओं में पाठ्यक्रम प्रदान करके इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने आधुनिक शिक्षा को पुनर्परिभाषित करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की परिवर्तनकारी क्षमता पर भी प्रकाश डाला।

बीसीयू के पूर्व कुलपति प्रो. लिंगराज गांधी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। बीसीयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो. जलजा, कुलसचिव प्रो. रमेश, वित्त अधिकारी विजयलक्ष्मी और वैश्विक भाषा केंद्र की अध्यक्ष ज्योति वेंकटेश ने संगोष्ठी में अपने विचार साझा किए।